नशे की लत के लिए इकलौते बेटे ने मां-बाप को मार डाला, आजीवन कारावास Panipat News
माता-पिता के हत्यारे इकलौते बेटे को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। नशे की लत को पूरा करने के लिए पैसे नहीं मिलने पर हत्या कर दी थी।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। नशे की लत को पूरा करने के लिए इकलौते बेटे ने खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। नशा इस तरह से हावी हुआ कि उसने रिश्तों की भी कदर न की। अपने माता पिता की डंडे से मार मारकर जान ले ली। अब कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
मामला शाहाबाद क्षेत्र के गांव चढ़ूनी जाटान का है। अदालत ने दोषी को माता-पिता की हत्या में अलग-अलग सजा दी है। हालांकि दोनों सजाएं एक साथ ही चलेंगी। साथ ही 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को छह-छह माह की अतिरिक्त कैद काटनी होगी।
कोर्ट ने भी की टिप्पणी
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लाल चंद की अदालत ने फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दोषी ने घृणित अपराध किया है। ऐसे दोषी से सख्ती से निपटना होगा। जिससे समाज में अच्छा संदेश जाए।
2018 में की थी वारदात
राज्य की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता गोपाल कुमार ने बताया कि गांव चढ़ूनी जाटान निवासी सुखराम ने 21 जून 2018 को थाना शाहाबाद में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके भाई श्योराम का इकलौता पुत्र विशाल कोई काम नहीं करता था। वह नशे का भी आदी था। नशे की लत को पूरा करने के लिए वह अपने माता-पिता के साथ रोजाना झगड़ा करता था। उसके भाई श्योराम ने चार वर्ष पहले साढ़े तीन एकड़ जमीन बेची थी। वह अपने माता-पिता के साथ झगड़ा करके चला जाता था। इस बात से उसका बड़ा भाई दुखी रहता था।
पिता की छाती में मारीं लातें
21 जून 2018 को शाम साढ़े पांच बजे वह अपने घर में बैठा था। इसी दौरान उसके बड़े भाई श्योराम के घर से शोर सुनाई दिया। वह अपने बड़े भाई के घर गया तो उसका भतीजा विशाल अपने पिता को डंडे से मार रहा था। उसने अपने भाई को बचाने के लिए शोर मचाया, जिसे सुनकर रक्षपाल मौके पर आया। विशाल ने अपने पिता की छाती पर कई लातें मारीं। आरोपित वहां से भाग कर अपने पशु बाड़े में चला गया, जहां उसकी मां सोना उर्फ स्वर्णजीत कौर भैंस का दूध निकाल रही थी। उसके भतीजे ने लोहे के फावड़े से उसके चेहरे व छाती पर ताबड़तोड़ वार किए। विशाल फावड़े को मौके पर छोड़ कर भाग गया। उसकी भाभी स्वर्णजीत कौर की मौके पर ही मौत हो गई। उसके भाई की भी मौत हो चुकी थी।