पानीपत, जेएनएन। फाइनेंसरों की धमकी से डरे पानीपत की बिल्लू कॉलोनी के 17 वर्षीय किशोर ने अपनी मां को कहकर घर के मेन गेट पर ताला लगवा दिया। फिर फंदे पर लटक गया। परिजनों का कहना है कि बेटे ने तीन फाइनेंसरों से रुपये उधार लिए थे। उधार चुकाने के बावजूद फाइनेंसरों ने जान से मारने की धमकी दी। उसने चार दिन से अपने को घर में कैद कर रखा था।
दिल्ली के राजागार्डन निवासी सुरजीत सिंह ने बताया कि वह पांच साल से बिल्लू कॉलोनी में परिवार सहित रह रहा है। बड़ी बेटी एकता की कुरुक्षेत्र के लाडवा में शादी कर रखी है। वह पचरंगा बाजार स्थित जस्साराम एंड खुशीराम हैंडलूम पर काम करता है। पत्नी शशिबाला कौर अमर भवन पर एक दुकान पर काम करती है। इकलौता बेटे 17 वर्षीय हरमिंद्र की दसवीं कक्षा में कंपार्टमेंट आ गई थी। बेटे ने पढ़ाई छोड़ दी थी। बेटा गलत संगत में पड़ कर जुआ खेलने लगा था। बेटे ने चार महीने पहले हरि सिंह चौक के फाइनेंसर अनिल, सोनू और सुनील से करीब 25000 रुपये ब्याज पर लिए थे।
रुपये लौटा दिए थे
फाइनेंसरों को रुपये लौटा चुका था। इसके बावजूद फाइनेंसरों चक्रवृद्धि ब्याज लगाकर बेटे से और रुपयों की मांग की। ये रुपये बेटा नहीं लौटा पाया। चार दिन पहले अनिल और सोनू ने घर आकर उनकी पत्नी शशिबाला कौर को धमकी दी थी कि हरमिंद्र उनके रुपये लौटा दे। नहीं तो वे उसे जहां मिलेगा, वहीं जान से मार देंगे। इसके बाद से डर से बेटा घर से बाहर नहीं निकल पा रहा था।
साले ने शोर मचाया
सुबह आठ बजे वह दुकान पर चला गया। उसका साला बलविंद्र भी कुटानी रोड स्थित फैक्ट्री में काम करने चला गया। बेटा हरमिंद्र घर के अंदर था। बेट ने मां शशिबाला से यह कह कर मेन गेट का ताला बाहर से लगवा दिया कि अनिल और सोनू उसे तंग नहीं कर पाएंगे। चाबी पड़ोसी को दे जाना। पत्नी गेट का ताला लगाकर पड़ोसी को चाबी देकर काम पर चली गई। शाम 5:30 बजे साले बलविंद्र ने गेट का ताला खोला तो अंदर कमरे में हरमिंद्र ने पंखे से चुन्नी से फंदा लगा रखा था। बलविंद्र ने शोर मचाया और पड़ोसियों की मदद से शव को फंदे से उतारा।
फाइनेंसरों के खौफ से बेटा चार महीने छिपता रहा, घर लौटा तो फंदा लगा लिया
सुरजीत सिंह ने बताया कि फाइनेंसर अनिल और सोनू ने बेटे को जान से मारने की धमकी दे रखी थी। उन्हें के खौफ की वजह से बेटा दो महीने बेटी एकता के पास रहा। इसके बाद दो महीने अमृतसर के गुरुद्वारा में छिपा रहा। दो महीने पहले उक्त दोनों फाइनेंसर उसके घर आए और बोले की हरमिंद्र उनके रुपये नहीं लौटा रहा है। तब उसे पता चला कि बेटे ने युवकों से ब्याज पर रुपये ले रखे हैं। फाइनेंसर दो महीने से लगातार उसके घर चक्कर लगा रहे थे। बेटे ने सोचा कि अब फाइनेंसर तंग नहीं करेंगे। वह 30 जून को घर लौटा था। इसके बाद भी फाइनेंसरों ने उसे प्रताडि़त किया और बेटे ने फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस आरोपित अनिल और सोनू के खिलाफ करवाए गए। हरमिंद्र उसका इकलौता सहारा था। वह भी छीन लिया गया।
कागज पर लिखे थे आरोपित फाइनेंसरों के फोन नंबर
बताया गया है कि हरमिंद्र के पास से कागज मिला है। इसमें आरोपितों के फोन नंबर मिले हैं। हरमिंद्र की बहन एकता ने इन नंबरों पर कॉल की तो उन्हें भी फाइनेंसरों ने धमकी दी कि वे अपने रुपये लेकर ही रहेंगे। वहीं पुलिस ने ऐसा कागज न मिलने की बात कही है।