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स्मैक तस्कर को 15, उसके साथी को एक साल की सजा

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीपी सिरोही ने शास्त्री कॉलोनी निवासी स्मैक तस्कर और गांव भालसी निवासी उसके साथी को सजा और जुर्माना सुनाया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 07:19 AM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 07:19 AM (IST)
स्मैक तस्कर को 15, उसके साथी को एक साल की सजा
स्मैक तस्कर को 15, उसके साथी को एक साल की सजा

जागरण संवाददाता, पानीपत :

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अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीपी सिरोही ने शास्त्री कॉलोनी निवासी स्मैक तस्कर और गांव भालसी निवासी उसके साथी को सजा और जुर्माना सुनाया है। पुलिस ने पांच लोगों को आरोपित बनाया था, इनमें से की मौत हो चुकी है। दोष सिद्ध नहीं होने पर कोर्ट ने 21 अगस्त को दो को बरी कर दिया।

26 जनवरी 2015 को जीआरपी टीम आरटीओ रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर मौजूद थी। उसी दौरान एक व्यक्ति स्टेशन परिसर में घुसा और पुलिस को देखकर वापस लौटने लगा। पुलिस ने पीछा कर उसे पकड़ लिया। पुलिस पूछताछ में उसने अपना नाम अमित कुमार पुत्र महाबीर निवासी गांव भालसी बताया। तत्कालीन डीएसपी तीरथ राम की मौजूदगी में उसकी तलाशी ली गई तो जेब से 8 ग्राम स्मैक बरामद हुई। उसने बताया कि शाहदरा दिल्ली निवासी हरदीप उर्फ दीपा से उसने स्मैक खरीदी है। अमित की निशानदेही पर पुलिस ने अनेक ठिकानों पर छापेमारी की। 29 जनवरी 2015 को पुलिस अमित को लेकर शास्त्री कॉलोनी पानीपत में हरवेल ¨सह के घर में छापेमारी की। वहां हरदीप ¨सह उर्फ दीपा, गुरमीत ¨सह उर्फ लाडी, रंजीत ¨सह उर्फ सेठी बैठे हुए मिले। पुलिस को देख हरवेल ¨सह ने हरदीप ¨सह उर्फ दीपा को एक सूटकेस थमाते हुए वहां से भागने का इशारा किया। पुलिस ने पीछा करते हुए रेलवे लाइन के पास उसे पकड़ लिया। सूटेकस से 500 ग्राम स्मैक और 1 लाख 42 हजार रुपए बरामद हुए। पुलिस ने सख्ती से पूछा तो उसने बताया कि रकम स्मैक बेचकर कमाई है। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। मुकदमा विचाराधीन था इसी हरवेल ¨सह की मौत हो गई थी। पुलिस ने कोर्ट में 6 गवाह पेश किए। 21 अगस्त 2018 को कोर्ट ने गुरमीत और रंजीत को रिहा कर दिया, दीपा और अंकित को 21सी एनडीपीएस के तहत दोषी करार दिया गया था।

शुक्रवार को कोर्ट ने दीपा को 15 साल की सजा, डेढ़ लाख रुपए जुर्माना सुनाया। जुर्माना नहीं देने पर 2 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अमित को 1 साल की कैद और 10 हजार रुपए जुर्माना सुनाया, नहीं देने पर 2 माह की अतिरिक्त सजा भुगतेगा।


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