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Kurukshetra University के छह प्राध्यापक चार्जशीट, कोई विदेश घूमता तो कोई दुर्व्‍यवहार करता Panipat News

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में ईसी की बैठक में छह प्राध्यापकों को चार्जशीट कर दिया गया। इसमें एक प्रोफेसर हैं चार सहायक प्रोफेसर एक यूनिवर्सिटी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लेक्

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 19 Jun 2019 04:20 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 04:20 PM (IST)
Kurukshetra University के छह प्राध्यापक चार्जशीट, कोई विदेश घूमता तो कोई दुर्व्‍यवहार करता Panipat News
Kurukshetra University के छह प्राध्यापक चार्जशीट, कोई विदेश घूमता तो कोई दुर्व्‍यवहार करता Panipat News

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद (ईसी) ने अनुशासनहीनता में छह प्राध्यापकों को चार्जशीट कर दिया है। इनमें एक प्रोफेसर हैं, चार सहायक प्रोफेसर तो एक यूनिवर्सिटी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लेक्चरर हैं। कुलपति प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई ईसी की बैठक में चार्जशीट करने संबंधी आदेशों पर मुहर लगी। 

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चार्जशीट होने वालों में लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर अजमेर सिंह, इंस्ट्रूमेंटेंशन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ.भानु प्रताप, यूआइईटी के सहायक प्रोफेसर डॉ. कर्मबीर सिंह, कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन विभाग के डॉ. चंद्रकांत, बायोकेमिस्ट्री विभाग के डॉ. जसबीर ङ्क्षसह ढांडा और यूनिवर्सिटी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के लेक्चरर सुनील कुमार शामिल हैं।

एक साल में तीन बार विदेश गए प्रो. अजमेर
लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर अजमेर सिंह को एक वर्ष में तीन बार बांग्लादेश की यात्रा पर जाने के लिए चार्जशीट किया गया है। नियमानुसार एक वित्त वर्ष में सरकारी संस्थाओं के प्राध्यापक अर्जित अवकाश पर दो बार ही संबंधित संस्था से एनओसी लेकर विदेश जा सकता है। प्रो. अजमेर सिंह ने वर्ष 2017 में जब तीसरी बार बांग्लादेश जाने के लिए एनओसी अप्लाई किया तो कुलपति कार्यालय से इन्कार कर दिया गया था। इसके बावजूद वे विदेश गए। 

इन पर भी यही आरोप
इसी तरह का केस इंस्ट्रूमेंटेंशन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ.भानु प्रताप का है। अप्रैल 2018 में उन्होंने कुवि से विदआउट पे लीव के लिए आवेदन किया। एक साल का अवकाश लेकर वे अमेरिका चल गए थे। निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद कुवि प्रशासन ने उन्हें विभाग में स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए लौटने को कहा। जवाब नहीं मिलने पर उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया, लेकिन लौटने की बजाय उन्होंने ई-मेल से आगे अर्जित अवकाश के लिए आवेदन कर दिया था।

उत्तर पुस्तिका जांचने में कोताही पर दो चार्जशीट
उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के संदर्भ में नौ जनवरी 2019 को कुवि विद्यार्थी परिषद के सचिव ने कुलपति प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा एक शिकायत की थी, जिस आधार पर जांच के लिए डॉ. श्याम कुमार, डॉ. मंजुला चौधरी और डॉ. आरके देसवाल की सदस्यता वाली एक कमेटी गठित की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में यूआइईटी के सहायक प्रोफेसर डॉ. कर्मबीर सिंह और कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन विभाग के डॉ. चंद्रकांत ने नियमों की अवहेलना की है। डॉ. कर्मबीर ङ्क्षसह ने डॉ. चंद्रकांत से 2514428 अनुक्रमांक की एक उत्तर पुस्तिका से एक करवाई, जबकि उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं था। यह डॉ. चंद्रकांत ने अपने बयान में स्वीकार किया। इस तरह से दोनों ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गलत कार्य किया है। 

प्रिंसिपल ने लगाया था दुर्व्‍यवहार का आरोप
वहीं यूनिवर्सिटी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के लेक्चरर सुनील कुमार पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल में रिकॉर्ड से टेंपरिंग की कोशिश की। स्कूल प्रिंसिपल ने उन पर दुर्व्‍यवहार के भी आरोप लगाए थे, जिसकी शिकायत कुवि प्रशासन को की गई थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट पर उन्हें चार्जशीट किया गया है। वहीं बायोकेमिस्ट्री विभाग के डॉ. जसबीर सिंह ढांडा के खिलाफ विभाग के प्रो. वीके गुप्ता और प्रेम सागर ने वर्ष 2012 में अनियमितताओं की शिकायत की थी। 

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