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कस्बे में छह जगहों पर हाई टेंशन लाइन से लोगों को खतरा

कस्बे की आबादी से हाई टेंशन तार गुजरने से कई बार हादसे हो चुके हैं लेकिन अभी तक इसे शिफ्ट नहीं किया जा सका है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 09:19 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 09:19 AM (IST)
कस्बे में छह जगहों पर हाई टेंशन लाइन से लोगों को खतरा

जागरणस संवाददाता, समालखा : कस्बे की आबादी से हाई टेंशन तार गुजरने से कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसे शिफ्ट नहीं किया जा सका है। गत 26 नवंबर को भी वार्ड नंबर-4 में पटवार खाना के पीछे हाई टेंशन तार के टूटकर गिरने से एक मजदूर की बाइक और दूसरे मालिक की स्कूटी जल गई थी। गली में बैठे लोग, खेल रहे बच्चे व राहगीर बाल-बाल बच गए थे। लोगों ने कई दिनों तक हाई टेंशन तारों को जोड़ने नहीं दिया था। बाद में पुलिस की मदद से उसे जोड़ा गया। जौरासी एपी फीडर की लाइन कई दिनों तक बाधित रही थी। निगम ने आबादी में आधा दर्जन डेंजर जगहों को चिन्हित किया है।

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उल्लेखनीय है कि कस्बे के वार्ड नंबर-4 और 5 सहित लाइन पार की आबादी से 11 हजार वोल्ट की हाई टेंशन लाइन गुजर रही है। करीब चार से पांच दशक पहले ये लाइन बिछाई गई थी। उस समय यहां आबादी नहीं दी। अब लोगों ने लाइन के नीचे और नजदीक में मकान व दुकान बना लिए हैं। कुछ जगहों पर सड़कों के किनारे से भी लाइन गुजर रही है। लाइन के पुराने व जर्जर होने से तारें टूटती रहती है, जिससे हादसे का डर बना रहता है।

पानीपत हादसे के बाद लोगों में रोष

पानीपत में छत पर टीन की चद्दर चढ़ा रहे दो युवकों की मौत से कस्बे के लोगों में भी रोष है। उन्हें अपने यहां भी हादसे का डर सता रहा है। गांधी कालोनी की कविता, मीनू, सुमित्रा, सीमा, कुलदीप शर्मा आदि ने कहा कि उनकी कालोनी से जौरासी एपी की हाई वोल्टेज लाइन गुजर रही है। पिछले महीने भी तार टूटकर गिरने से गली में खड़ी बाइक व स्कूटी जल गई थी। दो साल पहले सुभाष और भारत नंदवानी की कार जल गई थी। तीन साल में तीन बार तारें टूट चुकी है। गली में बैठने, बच्चों के खेलने और गुजरने में भी डर लगता है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को भी हादसे से कुछ देर पहले गली से स्कूल वैन निकली थी। बच्चे मना करने के बाद गली में खेलते हैं। वे कई बार निगम अधिकारी से इसकी शिफ्टिंग की मांग कर चुके हैं, लेकिन समस्या सालों से जस की तस बनी है।

स्टीमेट तैयार, टेंडर का इंतजार: एसडीओ

एसडीओ वतन सेढ़ा ने कहा कि कस्बे की अधिकृत आबादी से गुजर रही छह डेंजर जगह को चिन्हित किया गया है। इनमें गांधी कालोनी और लाइन पार भी शामिल है। इसका स्टीमेट तैयार हो गया है। निविदा लगाने की तैयारी चल रही है। अगले महीने तक काम शुरू कर दिया जाएगा। जल्द ही लाइनों को शिफ्ट कर दिया जाएगा।


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