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पानीपत में छह मिडल स्कूल सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में होंगे मर्ज, एक ही स्कूल के होंगे दो कैंपस

शिक्षा विभाग ने कई मिडिल स्‍कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्‍कूलों में मर्ज करने का फैसला लिया है। पानीपत में छह मिडिल स्‍कूल सीनियर सेकेंडरी स्‍कूलों में मर्ज किए जाएंगे। स्कूलों को मर्ज करने की सरकार की नीति को शिक्षकों ने बताया गलत।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 24 Sep 2022 11:54 AM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 11:54 AM (IST)
पानीपत में छह मिडल स्कूल सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में होंगे मर्ज, एक ही स्कूल के होंगे दो कैंपस
मिडिल स्‍कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्‍कूलों में मर्ज किया जाएगा।

समालखा (पानीपत), जागरण संवाददाता। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 183 मिडिल स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में मर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। उक्त स्कूलों की दूरी सीनियर सेकेंडरी से एक किलोमीटर के अंदर है। मर्ज होने वाले स्कूलों में मिडिल हेड का पद खत्म हो गया है। उक्त स्कूलों को भी संभालने की जिम्मेदारी अब सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल पर होगी।

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जिले के भी छह मिडल स्कूलों को मर्ज किया गया है। इनमें से चार कन्या स्कूल हैं। वहीं शिक्षक सरकार की स्कूलों को मर्ज करने की नीति को गलत ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की बजाय सरकार और विभाग उन्हें मर्ज करने में लगे हैं। जबकि मर्ज किए गए जाने वाले स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या ठीक ठाक है।

जिले के इन छह स्कूलों को मर्ज करने के आदेश जारी

राजकीय कन्या मिडल स्कूल हथवाला को राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल हथवाला, राजकीय कन्या मिडल स्कूल झट्टीपुर को राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल झट्टीपुर, राजकीय कन्या मिडल स्कूल सींक को राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल सींक, राजकीय कन्या मिडल स्कूल आसन कलां को राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल आसन कलां, राजकीय मिडल स्कूल माता पुली रोड समालखा को राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल भापरा रोड समालखा में मर्ज किया गया है।

स्कूल में अनुशासन बनाना चुनौती होगा

शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने स्कूलों को मर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन इस नीति से शिक्षा के साथ स्कूलों में अनुशासन बनाकर रखना चुनौतीपूर्ण होगा। अब तक इन स्कूलों में पूरे समय अनुशासन के लिए मिडिल हेड मौजूद रहता था, लेकिन अब दूसरे भवन में बैठे प्रिंसिपल यह जिम्मा संभालेंगे। ऐसे में उन्हें दोनों स्कूल में अनुशासन बनाए रखने में दिक्कत होगी। इसका असर शिक्षा पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूलों को मर्ज करने की बजाय शिक्षकों की नियुक्त करें तो अच्छा रहेगा। शिक्षकों ने सरकार से उक्त फैसले को वापस तक लेने की मांग की है।

जिले के छह स्कूल होंगे मर्ज

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बृजमोहन गोयल ने बताया कि निदेशालय की ओर से जिले के छह मिडिल स्कूलों को गांव के ही राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में मर्ज करने के आदेश आए हैं। उक्त सभी स्कूलों को मर्ज करने की कार्रवाई जल्द की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब उक्त मिडिल स्कूलों में हेड के पद नहीं रहेंगे, डीडीओ पावर और इन स्कूलों की पूरा जिम्मेदारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपलों की होगी।


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