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मोटापे से छूटा खेल तो हर रोज छह घंटे अभ्यास कर वजन घटाया, अब बना World Racketlon Champion

महराणा के सिद्धार्थ ने विश्व रैकेटलॉन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। स्वर्ण पदक जीतने वाले हरियाणा के पहले खिलाड़ी बने।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 03:24 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 03:24 PM (IST)
मोटापे से छूटा खेल तो हर रोज छह घंटे अभ्यास कर वजन घटाया, अब बना World Racketlon Champion

पानीपत, [विजय गाहल्याण]। महराणा गांव के सिद्धार्थ नांदल का कद 6.2 फीट है। वजन 96 किलो हो गया था। अभ्यास करना मुश्किल हो गया था। बैडमिंटन खेल छोडऩे की नौबत आ गई थी। हिम्मत नहीं हारी और प्रतिदिन छह घंटे कठिन अभ्यास कर 20 किलो वजन घटाया। तीन लाख रुपये कोचिंग में खर्च किये और अब रैकेटलॉन विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। देश की टीम ने पहली स्वर्ण पदक जीता है। इस खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले सिद्धार्थ हरियाणा के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। यह चैंपियनशिप 20 से 24 नवंबर को जर्मनी के लिपजिंग में हुई। सिद्धार्थ की इस जीत पर ग्रामीणों ने खुश जताई। 

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आइएएस की तैयारी के लिए छोड़ा खेल, पिता ने प्रेरित किया तो जीता

सिद्धार्थ ने बताया कि चाचा भूपेंद्र नांदल बैडमिंटन के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। उन्हीं को देखते हुए 15 साल की आयु में बैडमिंटन और टेबल टेनिस खेलते हुए नेशनल में कांस्य व स्टेट चैंपियनशिप में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक जीता। मलाल था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक नहीं जीत पाया था। 2010 में आइएएस की तैयारी के लिए खेल छोड़ दिया था। 2014 में गाजियाबाद के वैशाली में इन्कम टैक्स इंस्पेक्टर भर्ती हुआ। इसके बाद पिता सुरेंद्र नांदल ने फिर से खेलने के लिए प्रेरित किया। अब देश के लिए स्वर्ण पदक जीत पाया हूं। देश के तिरंगे को लहराते हुए पोडियम पर खड़ा होकर पदक हासिल करना जीवन का गौरवपूर्ण क्षण था।

आशुतोष से सीखे गुर, उन्हीं की टीम में खेलते मिली कामयाबी 

सिद्धार्थ बताते हैं कि मुंबई में नेवी के कमांडर आशुतोष पैडनेकर ने 45 वर्ष की आयु में विश्व रैकेटलॉन प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। पैडनेकर से खेल के गुर सीखे और रैकेटलॉन इंडिया स्पोट्र्स के प्रधान कौशल कुमार चीमा के सहयोग से देश की टीम में शामिल हुआ। आशुतोष पैडनेकर, आदर्श विक्रम, अभिनव कश्यप, वीरेंद्र सिंह, सुष्मिता और पूजा के साथ टीम में खेलते हुए पदक जीता। 

मां टेबल टेनिस और भाई बास्केटबॉल चैंपियन

सिद्धार्थ नांदल का परिवार सेक्टर-24 में रहता है। पिता सुरेंद्र नांदल एनएफएल से सुपरिटेंडेंट के पद से सेवानिवृत्त हैं और मां निर्मला देवी बापौली सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मुख्य अध्यापिका हैं। निर्मला टेबल टेनिस की स्टेट चैंपियन रहीं हैं। बड़ा भाई दुष्यंत बास्केटबॉल में नेशनल स्पर्धा में पदक विजेता है। 

ये रैकेटलॉन खेल

रैकेटलॉन में एक खिलाड़ी को अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ टेबिल टेनिस, बैडमिंटन, स्कवैश और लॉन टेनिस खेलना पड़ता है। खिलाड़ी को चारों खेलों में दक्ष होना चाहिये। इसी तरह से टीम भी खेलती है।


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