श्रीमद्भागवत महापुराण भगवान श्रीकृष्ण की शब्दमयी मूर्ति : तेजस्वी दास
तेजस्वी दास महाराज ने श्रीमद्भागवत की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण भगवान श्रीकृष्ण की शब्दमयी मूर्ति है। तेजस्वी दास मुलतान भवन माडल टाउन में जीबीपीएस भक्तवृंद द्वारा आयोजित भागवत कथा सुना रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : तेजस्वी दास महाराज ने श्रीमद्भागवत की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण भगवान श्रीकृष्ण की शब्दमयी मूर्ति है। तेजस्वी दास मुलतान भवन माडल टाउन में जीबीपीएस भक्तवृंद द्वारा आयोजित भागवत कथा सुना रहे हैं।
कथा के पहले दिन उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण अपने परमधाम श्री गोलोक जाने से पहले अपना प्रकाश रूप प्रकट करके श्रीमद्भागवत महापुराण ग्रंथ में प्रवेश कर गए हैं। यह साक्षात भगवान ही हैं। इसकी पूजा, सेवा हमें भगवान की तरह ही करनी चाहिए। भागवत महापुराण चार वेदों और महाभारत एवं 17 महापुराणों से बढ़कर है। श्रीमद्भागवत महापुराण सर्व शास्त्र शिरोमणि है। श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करने का अवसर बड़े ही सौभाग्य से मिलता है और सुनने का अवसर तो देवताओं को भी दुर्लभ है।
उन्होंने कहा कि जब हरिद्वार में आनंद घाट पर नारद ने ज्ञान वैराग्य के कल्याण के लिए कथा का आयोजन किया तो उस समय भू लोक के, देवलोक के, ब्रह्मलोक के वासी दौड़- दौड़ कर आने लगे। अब यह कथा पानीपत के मुल्तान भवन में शुरू हो गई है। समस्त पानीपत वासियों को भागवत भगवान का दर्शन, श्रवण एवं पुष्प अर्पण करने हेतु अवश्य आना चाहिए। ऐसा करने से उनके समस्त दुखों का अंत होगा। जीवन मंगलकारी होगा एवं भगवान की परम कृपा प्राप्त होगी।
इस अवसर पर पवन, चिमन लाल, नरेश वत्स, संदीप, सुरेश, संजीव, जितेन्द्र आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।