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किसान हो रहे डीएपी खाद के मोहताज

अनाज मंडी स्थित सोसाइटी की दुकान में दो दिनों से डीएपी खाद की किल्लत है। किसान मायूस होकर वापस हो रहे हैं। निजी खाद-बीज की दुकानों पर दूसरे सामान लेने पर ही खाद मिलती है। करीब दस दिन पहले 3 हजार कट्टे खाद की खेप आई थी जो दो दिन पहले समाप्त हो गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 10:00 PM (IST)
किसान हो रहे डीएपी खाद के मोहताज

जागरण संवाददाता, समालखा: अनाज मंडी स्थित सोसाइटी की दुकान में दो दिनों से डीएपी खाद की किल्लत है। किसान मायूस होकर वापस हो रहे हैं। निजी खाद-बीज की दुकानों पर दूसरे सामान लेने पर ही खाद मिलती है। करीब दस दिन पहले 3 हजार कट्टे खाद की खेप आई थी, जो दो दिन पहले समाप्त हो गई।

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कारकौली गढ़ के किसान मांगेराम त्यागी, पावटी के किसान जयगोपाल व राकेश, चुलकाना के प्रमोद छौक्कर व नरेश, हथवाला के अंजू कहते हैं कि सरसों और बरसीम की बोआई चल रही है। अगले महीने से गेहूं का सीजन भी शुरू होने वाला है। किसानों को डीएपी की जरूरत है। सब्सिडी वाली सरकारी सोसाइटी पर खाद नहीं होने से परेशानी होना लाजमी है। उन्होंने कहा आधार नंबर पर वितरित करने के बाद भी खाद की कमी है। पिछले साल बफर स्टाक से किसानों को दिक्कत नहीं हुई थी। सोसाइटी के पदाधिकारी आजाद सिंह कहते हैं कि 3 हजार बैग खाद वितरित कर दी गई है। मंगलवार को ही स्टाक खाली हुआ है। 10 हजार कट्टे की डिमांड भेजी गई है। स्टाक आते ही किसानों को खाद मिलने लगेगी।


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