किशोरावस्था में बदलावों पर करें चर्चा : मोना यादव
पानीपत : किशोरावस्था जीवन का वह अहम पड़ाव है। किशोर-किशोरियों को इस ओर ध्यान देना होगा।
जागरण संवाददाता, पानीपत : किशोरावस्था जीवन का वह अहम पड़ाव है। किशोर-किशोरियों को शारीरिक ,मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक बदलाव से जूझना पड़ता है। जीवन को देखने और समझने का नजरिया भी बनता है। स्कूल और परिवार में इन सवालों पर ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसे में बहुत जरूरी है इन बदलावों के बारे में उनसे खुलकर बातचीत की जाए। सेक्टर 25 स्थित निर्मला देशपांडे संस्थान में यह किशोरों की समस्या, कारण व निदान विषय पर आयोजित कार्यशाला में बृहस्पतिवार को यह बात साहस फाउंडेशन की सह संस्थापक मोना यादव ने कही।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला में पहले दिन मेरी पहचान'मेरा शरीर और शारीरिक बदलाव'पर अलग-अलग एक्टिविटी, कहानी चित्रकारी और सामूहिक चर्चा के जरिए समझाया गया। इस सत्र में अपनी सकारात्मक पहचान बनाने और एक दूसरे को बेहतर तरीके से बिना किसी पूर्व अनुमान लगाए समझने पर जोर दिया गया।
दूसरे सत्र में किशोरावस्था के दौरान लड़के और लड़कियों में होने वाले विभिन्न शारीरिक बदलाव पर चर्चा की गई। कार्यशाला में विभिन्न स्कूलों में पढ़ रहे 35 किशोर किशोरियों ने भाग लिया। इस अवसर पर माता सीता रानी सेवा संस्था की अध्यक्ष कृष्णा कांता, हाली पानीपती ट्रस्ट के सचिव राममोहन राय, मुख्य अध्यापिका प्रिया लूथरा, सुनीता आनंद व समाजसेवी राजरानी मौजूद थे।