करनाल में खुले स्कूल, बच्चों व शिक्षकों ने किया हिदायतों का पालन
करनाल में भी स्कूल खुल गए हैं। कोरोना गाइडलाइन और सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए स्कूल खोले गए। बच्चे और शिक्षक गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल में आए। आज से नौवीं से 12 तक की कक्षाएं शुरू हुईं।
करनाल, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर के बाद शुक्रवार को एक बार फिर स्कूल खुल गए। सुबह घंटी बजी और बच्चे उत्साहपूर्वक स्कूल पहुंचे। इसी के साथ पढ़ाई का सिलसिला शुरू हो गया। संक्रमण से बचाव के मद्देनजर मास्क लगाने और सैनिटाइजेशन के साथ तमाम नियमों का पालन किया गया। छात्र-छात्राओं के बीच उचित शारीरिक दूरी भी रखी गई।
लंबे इंतजार के बाद स्कूलों में शुक्रवार से नौवीं व बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों की कक्षाएं लगनी शुरू हो गईं। प्रार्थना से लेकर कक्षाओं तक शारीरिक दूरी और अन्य नियमों का पालन किया गया। विद्यार्थियों को कोरोना से सुरक्षा देने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत 50 फीसद विद्यार्थियों को रिबन, मास्क, हाउस व सेक्शन के अनुसार बुलाया जा रहा है। एक बेंच पर एक ही बच्चे को बिठाया जा रहा है। कोई भी विद्यार्थी एक-दूसरे से बोतल व खाने का सामान नहीं ले सकता है। निजी व सरकारी स्कूल प्रबंधकाें को विभाग की ओर से कक्षाओं में कोरोना से बचाव की गाइडलाइन की पालना के लिए स्पष्ट हिदायत दी गई है। इसके तहत स्कूली बसों में 50 फीसद बच्चे ही लाने की अनुमति दी गई है।
राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल सुखबीर सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों को रिबन, मास्क व शारीरिक दूरी का अनिवार्यता से पालन करना होगा। सेक्शन व हाउस में शिक्षकों को इन नियमों का पालन कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बच्चे स्कूलों में एक साथ एकत्र नहीं हो सकेंगे। रिबन, हाउस, मास्क के रंग के अनुसार विद्यार्थी की कक्षा का पता चल पाएगा। हालांकि, स्कूल खोलने को लेकर इस बार शिक्षा विभाग ने प्रमाणपत्र देना अनिवार्य नहीं किया है। केवल विद्यार्थियों से माता-पिता का सहमति पत्र मांगा गया है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने बताया कि जिले के सभी स्कूल मुखियाओं को संक्रमण बचाव के लिए हिदायत जारी की गई है। स्कूल मुखियाओं को बैठक कर गाइडलाइन का पालन अनिवार्य किया है। अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना होगा।
शिक्षकों के लिए प्रमाणपत्र जरूरी
शुक्रवार को स्कूलों में वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र नहीं लेकर आने वाले शिक्षकों को वापस लौटा दिया गया। सहोदय स्कूल कांप्लेक्स के अध्यक्ष डा. राजन लांबा ने बताया कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षकों को पहले ही कोरोना वैक्सीन लगवाने के निर्देश दिए गए थे। शिक्षकों को स्कूल आने से पहले कोरोना वैक्सीन का प्रमाणपत्र साथ लेकर आना आवश्यक है ताकि स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित माहौल मिले। अभिभावकों की सहमति से ही बच्चे को स्कूल बुलाया जा रहा है। स्कूल आने की अनिवार्यता नहीं है। वे आनलाइन पढ़ाई भी कर सकते हैं।