खुले स्कूल कॉलेज, कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके शोधार्थियों के लिए एनआइटी कुरुक्षेत्र भी खुला
हरियाणा में स्कूल कॉलेज खुल गए हैं। 16 जुलाई से सरकार ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए खोलने के आदेश दिए थे। वहीं एनआईटी कुरुक्षेत्र यानी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने भी कोरोना की दोनों डोज ले चुके शोधार्थियों को आने की अनुमति दे दी है।
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा हासिल कुरुक्षेत्र के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान को 16 जुलाई से शोधार्थियों के लिए खोलने का फैसला लिया गया है। एनआइटी में पहुंचने वाले इन शोधार्थियों के लिए अपने-अपने विभागों में लैब में कार्य करने के साथ-साथ छात्रावास भी खोलने का फैसला लिया गया है। हालांकि प्राथमिक स्तर पर एनआइटी प्रशासन ने उन्हीं शोधार्थियों के लिए परमिशन जारी की है जिनकी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज पूरी हो गई हैं। एनआइटी के सभी विभागों में 250 से 300 के करीब शोधार्थी हैं। इन सभी शोधार्थियों का काम कोरोना के चलते एनआइटी में शैक्षणिक गतिविधियां बंद होने पर बाधित हो रहा था। एनआइटी प्रशासन की ओर से यह फैसला लिए जाने पर शोधार्थियों ने राहत की सांस ली है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में विभिन्न विभागों में देश भर के विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। एनआइटी के ज्यादातर विद्यार्थी छात्रावासों में ही रहते हैं। पिछले दिनों कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शिक्षण गतिविधियों के साथ-साथ सभी छात्रावासों को भी बंद कर दिया गया था। एनआइटी में छह हजार के करीब विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। इसके बाद से ही एनआइटी में आनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही थी। अब देश भर में कोरोना के मामले कम होेने लगे हैं और धीरे-धीरे सभी तरह की गतिविधियां सुचारू होने लगी हैं। ऐसे में एनआइटी प्रशासन की ओर से शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने का भी फैसला लिया गया है। विभागों में भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए इन्हें प्राथमिक तौर पर शोधार्थियों के लिए खोला जा रहा है। इसके बाद बहुत जल्द अगले चरण में एमटेक के उन विद्यार्थियों को भी परमिशन दी जा सकती है जिनके प्रोजेक्ट पर काम चल रहे हैं।
सभी तैयारियां पूरी
एनआइटी प्रवक्ता डा. रामफल चौहान ने बताया कि एनआइटी प्रशासन ने शोधार्थियों के लिए विभागों को खोलने का फैसला लिया है। एनआइटी को उन्हीं शोधार्थियों के लिए खोला गया है, जिनकी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज पूरी हो गई हैं। ऐसे में जिस भी शोधार्थी की दोनों डोज पूरी होती रहेंगी, वह एनआइटी पहुंचता रहेगा। इसके लिए छात्रावास सहित अन्य सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।