दलित समे सिंह को मिला गनमैन, नव वर्ष पर शिमला मौलाना लौटेंगे
जागरण संवाददाता, पानीपत : दबंगों की वजह से अपना गांव शिमला मौलाना छोड़कर पट्टीकल्याणा में रह रहे
जागरण संवाददाता, पानीपत :
दबंगों की वजह से अपना गांव शिमला मौलाना छोड़कर पट्टीकल्याणा में रह रहे दलित समे सिंह अब नववर्ष पर वापस गांव लौट आएंगे। डीएसपी ने उनहें 24 घंटे साथ रहने वाला गनमैन मुहैया करा दिया है। समे सिंह अपने परिवार को साथ लेकर शुक्रवार दोपहर बाद डीएसपी हेडक्वार्टर जगदीप दूहन से मिला। डीएसपी ने उनसे पंचायत में न आने का कारण भी पूछा।
समे सिंह, उनकी पत्नी निर्मला, भाई शमशेर, भतीजा राजेंद्र, दयानंद पंवार शुक्रवार दोपहर बाद 3 बजे लघु सचिवालय में पहुंचे। समे सिंह ने बताया कि पुत्रवधू अपने मायके गई हुई है। उसकी पत्नी भी बृहस्पतिवार को घर पर नहीं थीं, इसलिए पंचायत में नहीं आ सके। 15 मिनट की बातचीत के दौरान डीएसपी ने पूछा कि अब शिमला मौलाना कब जाएंगे। समे सिंह ने शिमला मौलाना गांव जाने की हामी भर दी। डीएसपी ने उनको गनमैन दे दिया। इसके बाद समे सिंह वापस पट्टीकल्याणा गांव चला गया। समे सिंह ने बताया कि शिमला मौलाना गांव में उनके पड़ोस में 31 दिसंबर को शादी है। रंग में भंग नहीं पड़े, इसलिए शादी के बाद एक जनवरी को शिमला मौलाना गांव जाएंगे।
पुलिस सुरक्षा दे रखी है :
डीएसपी हेडक्वार्टर जगदीप दूहन का कहना है कि समे सिंह को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवा रखी है। उनकी मर्जी है कि वह चाहे तो शिमला मौलाना में रहे या पट्टीकल्याणा गांव में।
यह है मामला : शिमला मौलाना गांव में जनवरी 2014 में सतबीर फौजी की पत्नी दर्शना की हत्या हो गई थी। पुलिस ने हत्याकांड में अमित, समे सिंह के बेटे प्रवीण और अमित की मां को गिरफ्तार किया था। उसी मामले को लेकर 7 दिसंबर को शिमला मौलाना में पंचायत हुई थी। समे सिंह का आरोप है कि पंचायत में सतबीर ने कहा कि मैं गांव छोड़ कर चला जाऊं या समे सिंह गांव छोड़ कर चला जाए। समे सिंह बीच में पंचायत छोड़ कर अपने घर चले गए। समे सिंह ने अपने परिवार के साथ बुधवार को शिमला मौलाना गांव छोड़ दिया था, तब तक पट्टीकल्याणा गांव में अपने भाई शमशेर के पास रह रहे हैं। उधर, सरपंच पिंकी का कहना है कि समे सिंह जहां भी रहें, यह उनकी मर्जी है। पंचायत ने उन्हें बाहर जाने के लिए कभी नहीं कहा।