वो हुनर से ऊंचा हो गया, हंसने वाले बौने रह गए, ऐसी है चैंपियन की कहानी Panipat News
लंबे कद के खिलाडिय़ों वाले खेल बॉस्केटबॉल में 4.8 इंच के साहिल ने कमाल कर दिया। साहिल ने बतौर कप्तान 25 साल बाद हरियाणा को यूथ नेशनल बास्केटबॉल चैंपियन बनाया।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। छह साल पहले थिराना गांव के साहिल टाया ने ननिहाल के अहर गांव में बास्केटबॉल का अभ्यास शुरू किया। छोटे कद (4.8 फीट) की वजह से साथी खिलाडिय़ों ने मजाक उड़ाया। उन्हें सलाह दी कि हरियाणा स्टाइल कबड्डी खेल ले। इससे रोजगार मिल जाएगा। बास्केटबॉल लंबे कद वाले लड़कों का खेल है। साहिल ने उनकी बातों की परवाह नहीं की और कड़ा अभ्यास किया। सफलता भी हासिल की।
ऋषिकुल पब्लिक स्कूल के दसवीं के छात्र 16 वर्षीय साहिल का कद अब करीब छह फीट है। उन्होंने 14 से 21 मई को केरल कोयम्बटूर में हुई यूथ नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप में बतौर कप्तान हरियाणा को स्वर्ण पदक दिलाकर 25 साल बाद चैंपियन बनाया। 7 मैचों में 186 स्कोर बटोरकर प्रतियोगिता का बेस्ट प्लेयर चुना गया। इसी उपलब्धि के आधार पर साहिल का इंडिया की यूथ बॉस्केटबॉल टीम में चयन हुआ है। ये टीम 3 से 5 जुलाई को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में यूथ एशियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप में दमखम दिखाएगी।
मजाक उड़ाने वाले अब इन्हीं की तकनीक अपना रहे
हंसी करने वाले साथी खिलाड़ी अब साहिल की तारीफ करते हैं और उन्हीं की तकनीक भी अपना रहे हैं। हरियाणा बास्केटबॉल एसोसिएशन के उप प्रधान डॉ. राजपाल टूरण ने साहिल को बधाई दी है।
मामा ने दिया साथ तो मिली सफलता
साहिल ने बताया कि पिता इंद्र सिंह डेढ़ एकड़ के किसान हैं। वह मामा जोगेंद्र के पास अहर गांव में रहा है। गांव में कबड्डी का माहौल है। तकरीबन हर घर से कबड्डी खिलाड़ी है। उन्हें बास्केटबॉल खेलना पसंद है। मामा ने उसका साथ दिया और कोच दीपक शर्मा व उनके बास्केटबॉल के आदर्श खिलाड़ी अहर निवासी खुशवेंद्र उर्फ मस्ता ने बेहतरीन ट्रेनिंग दी। वह सुबह चार और शाम को पांच घंटे अभ्यास करता है। कोच दीपक शर्मा ने बताया कि साहिल पावरफुल ड्राइविंग करता है और बॉल को बास्केट में डालकर ही थमता है।
साहिल की उपलब्धियां
- सब जूनियर व जूनियर स्टेट बास्केटबॉल चैंपियनशिप में सात स्वर्ण, आठ रजत और दस कांस्य पदक जीते।
- सीबीएसई नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
- यूथ नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
- दो बार खेलों इंडिया में खेल चुके हैं।