विदेश में नौकरी का था सपना, कबूतरबाजों ने मलेशिया ले जाकर पीटा
पैनासोनिक कंपनी में नौकरी का सपना दिखाकर एजेंट छह युवकों को मलेशिया ले गए। मलेशिया की पैनासोनिक कंपनी में नौकरी के नाम पर 18 लाख रुपये लिए। इसके बाद उनके साथ मारपीट की।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। विदेश में नौकरी का सपना दिखा छह युवकों से 18 लाख रुपये ठग लिए गए। मलेशिया ले जाकर युवकों को बंधक बनाकर मारपीट भी की। किसी तरह से परिजनों से बात करके युवक वहां से एयरपोर्ट पहुंचे और फिर वापस आए। एसपी को मामले की शिकायत दी गई। सीआइए की रिपोर्ट के बाद आठ लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है।
कांसापुर निवासी संदीप कुमार व रजनीश ने शिकायत दी कि अंबाला के खन्ना माजरा निवासी नवजोत ङ्क्षसह से जान पहचान थी। नवजोत ने उनसे मलेशिया के कुआलालंपुर में पैनासोनिक कंपनी में नौकरी लगवाने की बात कही थी। वेतन भारतीय मुद्रा के अनुसार 38 हजार रुपये मिलेगा। रजनीश लालच में आ गया। रजनीश ने दोस्त संदीप, अनिल, लोकेश को बताया। इस तरह से उनके दो और दोस्त खारवन निवासी गुलशन व विश्वकर्मा कॉलोनी निवासी राहुल भी मलेशिया जाने को तैयार हो गए।
सभी से मांगे तीन-तीन लाख रुपये
नवजोत ने प्रत्येक युवक से तीन-तीन लाख रुपये मांगे। जिस पर 18 मार्च को पांच युवकों ने 35-35 हजार रुपये नवजोत के एक्सिस बैंक खाते में डाले। शेष पैसे देने के लिए उन्हें अमृतसर में बस स्टैंड के पास हाइड मार्केट में बुलवाया गया। 23 मार्च 2018 को रजनीश व अन्य पांचों युवकों ने अमृतसर के दशमेशनगर निवासी विजय व नवजोत सिंह को रुपये दे दिए। नवजोत ने लिखित में सभी युवकों को इस बारे में लिखकर दिया।
अमृतसर एयरपोर्ट में सभी को बुलाया गया
23 अगस्त को उन्हें अमृतसर एयरपोर्ट पर बुलवाया गया। तय समय पर वह एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां पर विजय व नवजोत ने बताया कि मलेशिया में हमारा एजेंट श्रवण कुमार मिलेगा। 24 अगस्त को संदीप, रजनीश समेत छह लड़के मलेशिया के कुआलालंपुर में सुबह छह बजे पहुंच गए। वहां पर उन्होंने सिम खरीदा और श्रवण को फोन किया। करीब चार घंटे बाद श्रवण का फोन आया। उसने टैक्सी लेकर पर्ल प्वाइंट होटल के पास पब्लिक बैंक के पास पहुंचने के लिए कहा। वहां पर श्रवण मिला और उन्हें टाइम होटल में लेकर पहुंचा। दो दिन तक वह होटल में रहे। दो दिन बाद उन्हें श्रवण ने 120 किमी दूर रवाग सिटी में भेज दिया।
बदलते रहे एजेंट
युवकों को श्रवण ने रोमी के नाम के व्यक्ति के हवाले कर दिया। रोमी ने उन्हें पाक्सर नेपाली नाम के युवक के हवाले किया। चार घंटे तक पाक्सर नेपाली ने उन्हें अपने पास रखा। फिर गौरा नाम के व्यक्ति के हवाले कर दिया। गौरा उन्हें पहाड़ी पर एक कमरे में ले गया। वहां पर पहले से ही 18 लड़के व एक लड़की बैठे हुए थे। गौरा सिंह ने उनके पासपोर्ट लिए और रिंकू नाम के व्यक्ति को दे दिए। रिंकू ने संदीप, रजनीश समेत छह युवकों को कमरे में बंद कर ताला लगा दिया। दो दिन तक उन्हें कमरे में बंद रखा गया।
मारपीट की, फोन तक तोड़ दिया
संदीप व रजनीश ने आरोपित नवजोत को फोन किया। कुछ ही देर में श्रवण व रिंकू आए। उन्होंने सभी युवकों के फोन छीन लिए। राहुल फोन से वीडियो बनाने लगा, तो आरोपितों ने उससे मारपीट की। उसका फोन तोड़ दिया। बाद में गौरा व बंगाली एजेंट आया। वह उन्हें गाड़ी में लेकर चल दिए और जंगल में प्लाईबोर्ड की फैक्ट्री में छोड़ दिया। जिस पर आरोपितों को कहा गया कि उन्हें पैनासोनिक कंपनी में कार्य करने के लिए भेजा गया था। इस पर आरोपितों ने फिर से सभी युवकों के साथ गाली गलौज शुरू कर दी और गाड़ी में बिठाकर पहले वाली जगह पर ले आए।
पासपोर्ट छुड़वाने के लिए देने पड़े रुपये
पीडि़त लोकेश ने बताया कि जब आरोपितों से अपने पासपोर्ट वापस मांगें, तो उन्होंने 2400 रिंगट मलेशियाई मुद्रा मांगी। एक फोन हमारे साथी गुलशन के बैग में था। रात के समय अपनी स्थिति के बारे में परिजनों को बताया, तो उन्होंने टिकट का इंतजाम किया और हम वहां से बचकर भागे। यहां पर वापस आकर आरोपित नवजोत से बात की, तो वह उल्टा धमकी देने लगा। पैसे भी वापस नहीं किए।