कैथल में बोले आरएसएस सदस्य इंद्रेश कुमार, कट्टरता और हिंसा से बाहर निकल रहा है मुस्लिम समुदाय
कैथल में पत्रकारों से बातचीत में इंद्रेश कुमार ने कहा कि धीरे-धीरे मुस्लिम समुदाय जिस कट्टरता और हिंसा से नवाजा गया है और उसी में फला-फूला है एक बड़ा वर्ग उससे निकल कर राष्ट्रवाद से जुड़ रहा है।
कैथल, जागरण संवाददाता। लंबे समय से मुस्लिम समुदाय को राष्ट्रवाद से जोड़ने की मुहिम में लगे मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कई ज्वलंत विषयों पर बातचीत की। देश में मुस्लिमों का बदलता रुख हो या कृषि कानूनों की वापसी, चीन और इस्लामिक देशों की वर्तमान स्थिति, उन्होंने मानवता को सर्वोपरि रखने पर जोर दिया। यहां अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में इंद्रेश कुमार ने कहा कि धीरे-धीरे मुस्लिम समुदाय जिस कट्टरता और हिंसा से नवाजा गया है और उसी में फला-फूला है, एक बड़ा वर्ग उससे निकल कर राष्ट्रवाद से जुड़ रहा है। देश के खिलाफ बात करने वालों का विरोध अब उन्हीं का समाज करने लगा है।
उनके लिए यह कठिन और खतरों से भरा था, लेकिन असंभव नहीं। उन्होंने बताया कि इसी विषय पर 11 दिसंबर को दिल्ली में विश्व ग्राम, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के बैनर तले अफगानिस्तान में तालिबान विषय पर अंतरराष्ट्रीय व्याख्यान होगा। इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान और सिंध से इस्लामिक स्कालर्स हिस्सा लेंगे। इनका संदेश रहेगा-हिंसा से नहीं, बल्कि मानवता व भाईचारे से शासन कैसे हो।
कांग्रेस बिखर रही है
इंद्रेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस अपनी सोच और नीतियों की वजह से आज हाशिये पर है। न सिर्फ देश की जनता, बल्कि दूसरे दलों ने भी उसे नकार दिया है। यह देश में अब अवांछित पार्टी हो गई है। पाकिस्तान व बंगलादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर यह चुप्पी साध लेती है, लेकिन देश में इसे बेवजह का मुद्दा बनाकर गलत माहौल पैदा करती है। कांग्रेस गलत थी और गलत है।
कृषि कानून वापस लेना बड़ा जिगर
इंद्रेश ने कहा कि कृषि कानून वापस लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ा जिगर दिखाया है। किसानों पर सरकार ने कभी हिंसा नहीं की, बल्कि उनका सम्मान किया। यह उनका दुर्भाग्य है कि वह अपनी कामयाबी को सेलिब्रेट तक नहीं कर पाए, क्योंकि वह कुछ राजनीतिक नेताओं के हाथों में खेल रहे हैं। यह अब लोकतंत्र को तार-तार करने का राजनीतिक षड्यंत्र हो रहा है।