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कोरोना के बीच बढ़ रहा प्रदूषण का खतरा, कैथल में 4 दिनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ा

कैथल में कोरोना की रफ्तार तेज होती जा रही है। इस बीच वायु प्रदूषण भी लोगों के लिए मुसीबत बन रही। कैथल में इयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स बढ़ रहा है। पिछले चार दिनों में एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स का ग्राफ तेजी से बढ़ा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 10:45 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 10:45 AM (IST)
कोरोना के बीच बढ़ रहा प्रदूषण का खतरा, कैथल में 4 दिनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ा
कैथल में प्रदूषण का स्‍तर बढ़ रहा।

कैथल, जेएनएन। कैथल में कोरोना के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में बढ़ता जा रहा एयर क्वालिटी इंडेक्स भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने से सास लेने में परेशानी, आंखों में जलन और गले में खरास की समस्या बढ़ जाती है। कैथल में चार दिनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ रहा है।

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30 अप्रैल को इंडेक्स 145 था जो तीन मई को 226 तक पहुंच गया है। कुछ दिनों से किसान फसल अवशेषों में आग लगा रहे हैं। इसके अलावा शहर में भी लोग कचरे के ढेरों में आग लगा देते हैं। इनके कारण वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। हालांकि सोमवार से लॉकडाउन लग चुका है और सड़कों पर वाहन भी कम हो गए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य हो जाएगा।   

इस तरह जानें प्रदूषण का स्तर 

एयर क्वालिटी इंडेक्स 0 से 60 तक अच्छा, 61 से 90 तक सामान्य, 91 से 120 तक खतरा, 121 से 161 तक खराब और 161 से आगे जाने पर ज्यादा खराब हो जाता है। हालांकि हर घंटे में इंडेक्स का स्तर कम ज्यादा होता रहता है। 

ये हैं स्तर को बढ़ने से रोकने के उपाय

- अगर कहीं धूल उड़ रही हो तो वहां पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए। 

- हमारे आस-पास अगर कहीं कचरे में आग लगी हो तो तुरंत उसको बुझा देना चाहिए। 

- निर्माण कार्य की सामग्री को ढक कर रखना चाहिए।  

- फसल अवशेषों में आग बिल्कुल नहीं लगानी चाहिए। 

- आस-पास के पौधों पर पानी का छिड़काव करना चाहिए ताकि उन पर जमी धूल साफ हो सके। 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ विकास कुमार ने बताया कि वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है तो वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। कुछ सावधानियां रख कर भी हम इंडेक्स को बढ़ने से रोक सकते हैं। आगजनी की घटनाओं के कारण ही प्रदूषण का स्तर बढ़ता है।    


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