रेस्टोरेंट का चटपटा-तला छोड़िए, घर में बनाएं शुद्ध खाएं
मोबाइल फोन के की-पैड पर अंगुलियां घुमाकर रेस्टोरेंट से या स्ट्रीट फूड का चस्का लग गया है तो समझिए बीमारियां आपकी ओर बढ़ रही हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत: मोबाइल फोन के की-पैड पर अंगुलियां घुमाकर रेस्टोरेंट से या स्ट्रीट फूड का चस्का लग गया है तो समझिए बीमारियां आपकी ओर बढ़ रही हैं। चटपटा, तला-भूने व्यंजन खाने में कुछ क्षण का स्वाद तो दे सकते हैं, परिवार की सेहत नहीं। इससे बेहतर है कि आप जिस भी खाद्य सामग्री का ऑर्डर देने वाली हैं, उन्हें घर की रसोई तक तैयार करें।
मेट्रो शहरों के साथ पानीपत जैसे छोटे शहरों में भी फूड की होम डिलीवरी का चलन दो वर्षों में बढ़ा है। स्वीगी, जोमैटो जैसी तमाम बड़ी कंपनियां इस फील्ड में उतर गई हैं। पीजी में रहने वाले विद्यार्थी, किराये के घरों में अकेले रहने वाले नौकरी पेशा, युवा ऑनलाइन या फोन कॉल कर चाऊमीन, मंचूरियन, पिज्जा, बर्गर, हॉट डॉग, फ्राइड राइस, स्प्रिंग रोल, चिली पोटेटो आदि का ऑर्डर देते हैं। अब गृहणियां भी इसी राह पर चल निकली हैं। सभी जानते हैं कि ऑर्डर देकर मंगाए इन व्यंजनों में नमक-मिर्च-मसाला की भरमार होती है। तेल का खूब इस्तेमाल होता है। सेवन से बच्चों, युवाओं और महिलाओं में मोटापा बढ़ रहा है।
घर में बनाएं सेहतमंद भोजन
महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषण अभियान की जिला को-ऑर्डिनेटर एवं डाइटीशियन श्रेया मिड्ढा कहती हैं कि महिलाएं रसोई में मूंग की दाल का पिज्जा और चावल की चाऊमीन बनाएं। मंचूरियन में काले रंग की सॉस न डालें। व्यंजनों में हरी सब्जियां, पनीर और सोयाबीन अधिक डालें। कम ऑयल और मसालों के साथ रसोई में तैयार करें, तभी परिवार की सेहत बढ़ेगी। अच्छी सेहत के लिए यह भी आजमाएं
-बच्चों से रसोई के काम में मदद मांगें।
-बच्चों को समय-समय पर हेल्थ टिप्स दें।
-घर में सेहत-स्वास्थ्य से जुड़ी पत्रिका मंगवाएं।
-खाना खाते समय मोबाइल, लैपटाप जैसे गैजेट्स का इस्तेमान न करें।
-खाना तो खूब चबाकर खाने की बच्चों को आदत डालें।