सुरक्षा व्यवस्था को लेकर महिलाओं में नाराजगी, करनाल लघु सचिवालय गेट में करीब दो घंटे हंगामा
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर महिलाओं ने करनाल जिला सचिवालय गेट पर करीब दो घंटे हंगामा किया। भड़की महिलाओं ने चूडिय़ां लेकर वहीं धरना दिया।
पानीपत/करनाल, जेएनएन। करनाल जिला सचिवालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस की मुस्तैदी की पोल उस समय खुल गई जब 50 से ज्यादा महिलाएं अपने विरुद्व हो रहे अपराधों के विरोध में मुखर हो गई। जोरदार प्रदर्शन करते हुए एसपी व डीसी को अपनी शिकायत रखने पर अड़ी तो सचिवालय में प्रवेश करने से उन्हें पुलिस ने रोक दिया।
महिलाएं प्रवेश करने लगी तो पुरुष पुलिसकर्मी ही घेरा बनाकर खड़े हो गए, जिनसे महिलाओं की हल्की धक्कामुक्की भी हुई। इस दौरान उन्हें रोकने के लिए महिला पुलिस पर्याप्त नहीं थी। ऐसे में मामला बढ़ता देख महिला पुलिसकर्मी बुलाई तो महिलाओं ने चूडिय़ां लहराते हुए धरना देकर जमकर नारेबाजी की। बाद में डीसी ने मौके पर आकर उन्हें सभी मामलों में जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया तो वे शांत हुई तो पुलिस ने भी राहत की सांस ली।
सोमवार को विभिन्न महिला व सामाजिक संगठनों से जुड़ी दर्जनों महिलाएं जिला सचिवालय पहुंची, जहां उन्होंने सरकार व प्रशासन के खिलाफ महिलाओं पर बढ रहे अपराधों को लेकर जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की। करीब आधा घंटे के बाद एक बजे महिलाएं डीसी व एसपी को ज्ञापन देने जाने लगी तो पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। इससे वे भड़क गई और पुलिस के साथ हल्की धक्कामुक्की के बाद उन्हें वहीं रोक दिया गया इसके बाद करीब तीन बजे तक गेट बंद रखा तो महिलाएं वहीं पर चूडिय़ां लहराते हुए धरने पर बैठ गई और जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान महिला सुनिता ढांडा ने कहा कि पिछले कुछ समय से महिलाओं पर हो रहे अपराधों में एकाएक बढ़ौतरी हुई है। घरेलु हिंसा के मामलों मे भी इजाफा हुआ है । महिला थानें में मामले दर्ज करने कि बजाय पीडि़त महिलाओं पर समझौता करने का दबाव बनाया जाता है।
रानी कम्बोज ने कहा कि सोशल मीडिया असमाजिक लोगों के लिए महिलाओं पर अश्लीलता व अभद्रता परोसने का आसान माध्यम बन गया है। जिस पर सरकार व प्रशासन द्वारा कोई लगाम नहीं लगा पा रहा। केस दर्ज कराने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
एडवोकेट सोनिया तंवर ने कहा कि लचर कानून व्यवस्था के चलते महिलाएं खुल कर शिकायत भी नहीं कर पाती। सरकार और प्रशासन महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सम्मान की रक्षा की जाए, ताकि वे बिना भय के जीवन व्यतीत कर सके।। प्रदर्शन में मुख्य रूप से सीमा भारद्वाज, कविता दत,मीनू जसबीर कौर सहित दर्जनों महिलाएं व अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
डीसी के समक्ष खोली पुलिस की पोल
महिलाएं धरने से नहीं हटी तो करीब तीन बजे डीसी निशांत यादव वहां पहुंचे। महिलाओं ने उन्हें ज्ञापन दिया। पुलिस की पोल खोलते हुए कहा महिलाओं के साथ अपराधों को लेकर गंभीरता नहीं बरती जाती। वे ज्ञापन देने पहुंची तो पुलिस कर्मी ही उन्हें रोकने के लिए धक्कामुक्की पर उतारू हो गए। डीसी ने एसपी से बातचीत की तो वहीं महिलाओं को पुलिस के पास पहुंचे मामलों में जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया।
मामला संज्ञान में नहीं : एसपी
एसपी एसएस भौरिया का कहना है कि महिला प्रदर्शनकारियों व पुरुष पुलिस कर्मियों के बीच धक्कामुक्की का मामला संज्ञान में नहीं है। ऐसी कोई शिकायत महिलाओं की ओर से भी नहीं दी गई है। मौके पर पर्याप्त महिला कर्मी क्यों नहीं थी वे पूरे मामले की जांच कराएंगे।