Move to Jagran APP

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की पहल, कोरोना संक्रमित और पोस्‍ट कोविड मरीजों का होगा टीबी टेस्‍ट

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सिफारिश की है। टीबी मरीजों का कोविड टेस्‍ट किया जाएगा। साथ ही कोरोना मरीजों की टीबी जांच की जाएगी। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डा. आशीष ने यह जानकारी दी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 12:07 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 12:07 PM (IST)
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी ।

पानीपत, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमित मरीजों, रिकवर हुए लोगों की अब टीबी जांच की जाएगी। इतना ही नहीं टीबी मरीजों की कोरोना जांच भी जरूरी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह सिफारिश की है। डोर-टू-डोर तलाशे जा रहे टीबी आशंकित मरीजों के स्वाब सैंपल लेकर आरटीपीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन) टेस्ट कराया जाएगा।

loksabha election banner

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के जिला नोडल अधिकारी डा. आशीष ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सरकारी-निजी अस्पतालों में उपचार करा रहे टीबी के लगभग 2000 मरीज हैं। प्रत्येक मरीज की कोरोना, एचआइवी और शुगर जांच करा रहे हैं। अब तक करीब 85 फीसद मरीजों की जांच हो भी चुकी है। 15 फीसद मरीज ऐसे हैं जो प्रेरित करने के बावजूद जांच नहीं कराते। कुछ मरीज ऐसे भी होते हैं जो टीबी रोग को छिपाए रखते हैं।डा. आशीष के मुताबिक टीबी व कोविड-19 दोनों ही ऐसे संक्रामक रोग हैं, जो सबसे पहले फेफड़ों पर हमला करते हैं।दोनों बीमरियों के लक्षण खांसी, बुखार और श्वास लेने में कठिनाई होना है।

टीबी का संक्रमण के बावजूद बीमारी धीमी गति से विकसित होती है। टीबी रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होने के कारण कोरोना वायरस जल्द चपेट में लेता है। कोविड-19 का संक्रमण बहुत तेजी से फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है।

कोरोना रिकवर को टीबी का खतरा

टीबी के रोगाणु निष्क्रिय अवस्था में मानव शरीर में मौजूद हो सकते हैं। किसी भी कारण से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने पर रोगाणु बहुत तेजी से सक्रिय हो जाते हैं। यह रोग भी ब्लैक फंगस की तरह अवसरवादी है। कोरोना से रिकवर हो चुके लोगों के फेफड़ों में संक्रमण रह जाता है। शरीर में कमजोरी आ जाती है। ऐसे में शरीर में पहले से मौजूद टीबी के रोगाणु सक्रिय हो सकते हैं।

ये कराएं जांच

टीबी के रोगी कोरोना के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट कराएं। सरकारी अस्पताल में यह टेस्ट फ्री है। निजी अस्पताल या लैब में 299 रुपये रेट निर्धारित है। कोरोना संक्रमित या रिकवर हो चुके लोग सीबी नाट (कार्ट्रिज बेस्ड न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट) या ट्रू नाट टेस्ट कराएं, ताकि टीबी की स्थिति स्पष्ट हो सके। सरकारी अस्पताल में ये दोनों जांच भी निश्शुल्क हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.