पानीपत में फर्जी दस्तावेज से लिया जमीन पर लोन, बैंक नोटिस के बाद असली मालिक को चला पता
पानीपत में फर्जी दस्तावेज से जमीन पर लोन लेकर धोखधड़ी करने का मामला सामने आयया है। मामले का खुलासा तब हुआ जब बैंक से लोन ले लिया। लोन अदा नहीं करने पर बैंक जमीन मालिक की फैक्ट्री में नोटिस चस्पा किया।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत में एक व्यक्ति, पुरेवाला कालोनी में दूसरे की मलकियत वाली जमीन को नगर निगम में अपने नाम पर इंट्री कराकर मालिक बन गया। बैंक से लोन ले लिया। लोन अदा नहीं करने पर बैंक जमीन मालिक की फैक्ट्री में नोटिस चस्पा किया और कब्जे की पैरवी की तो असली मालिक की नींद खुली। उसने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक को दी। जांच के बाद पुराना औद्योगित थाना पुलिस ने धारा 406 और 420 के तहत मुकेश शिंगला के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। केस की नए सिरे से जांच की जा रही है।
आरोपित ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया
शहर के माडल टाउन निवासी अमित नागपाल ने कहा कि आरोपित ने उसके स्वामित्व और कब्जे वाली का रिकॉर्ड बैंक के पास गिरवी रखते हुए ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया है। नागपाल ने कहा कि वह चार भाई है। उसकी और उसके भाई विकास नागपाल की पुरेवाला कालोनी, औद्योगिक क्षेत्र पानीपत में 2286 वर्ग गज जमीन है। जिस पर उसका 1985 से कब्जा है।
उसने बताया कि 15 जुलाई 1985 से बिक्री विलेख में 850 वर्ग गज से अधिक भूमि का वह स्वामी है। भूमि 1436 वर्ग गज भीी उसके नाम पर है। 1990 में उक्त जमीन पर शेड और नौकरों के लिए क्वार्टर बनाया था। उसके भाई विवेक नागपाल के नाम बिजली कनेक्शान। उसने बताया कि 2016 में आरोपित मुकेश सिंगला ने उक्त रकबे के 2611 वर्ग गज जमीन पर दीवानी मुकदमा दायर किया। नागपाल द्वारा दस्तावेज पेश करने पर कोर्ट ने केस खारिज कर दिया। उसने कहा कि आरोपित निचली अदालत के नवंबर, 2016 के फैसले के बाद
मुकेश सिंगला ने जिला सत्र न्यायलय में अपील की। 21 जनवरी,2017 में उसे भी खारिज कर दिया। आर्थक प्रकोष्ठ से भी आरोपित को राहत नहीं मिली। उसने बताया कि आरोपित ने दोबारा उसके 1436 वर्ग गज जमीन पर दावा करते हुए 26 मई, 22 को कब्जा लेने के लिए मुकदमा दायर कर दिया। उसने कहा कि 1436 वर्ग गज उक्त भूमि का शेष भाग, जो अदालत में लंबित है।
उसके नाम का रिकार्ड बदला
उसने बताया कि मुकेश सिंगला ने नगर निगम में उसके नाम से जमीन की प्रविष्टियां अपने नाम करवा ली। पता लगने पर उसने नगरनिगम में जमीन को दोबारा अपने नाम करने के लिए आवेदन किया। फिर सिंगला को नोटिस दिया और बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आया। अधिकारियों ने दोबारा उसके नाम जमीन कर दी। उसने बताया कि फिर आरोपित ने 2611 वर्ग गज जमीन बैंक के पास गिरवी रखकर धोखाधड़ी की और उक्त जमीन पर 2 करोड़ 65 लाख लोन ले लिया। उसे धोखाधड़ी के बारे में तब पता चला जब बैंक अधिकारियों ने मुकेश सिंगला के नाम का कब्जा नोटिस उसकी फैक्ट्री परिसर में चिपका दिया।