Move to Jagran APP

पानीपत में कोरोना की दूसरी लहर में संसाधनों का अभाव, रैपिड किट खत्म, चार दिन बाद मिल रही रिपोर्ट

पानीपत में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। स्वास्थ्य विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। रैपिड किट खत्म हो गई हैं। आरटीपीसीआर से जांच हो रही है। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट 4 दिन में मिल रही है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 06:30 AM (IST)
पानीपत में कोरोना की दूसरी लहर में संसाधनों का अभाव, रैपिड किट खत्म, चार दिन बाद मिल रही रिपोर्ट
पानीपत सिविल अस्पताल में लगी स्वाब सैंपल देने और रिपोर्ट लेने वालों की भीड़।

पानीपत, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों और संसाधनों के अभावों से जूझने लगा है। रैपिड एंटीजन किट से सैंपलिंग बंद है। सैंपलिंग की बात करें तो सिविल अस्पताल, फील्ड से रोजाना एक हजार से अधिक के स्वाब सैंपल लिए जा रहे हैं। लैब में टेस्टिंग क्षमता 600 की है, नतीजा आरटीपीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन) टेस्ट की रिपोर्ट चार दिन बाद मिल रही है।

loksabha election banner

जिला में वर्ष-2020 में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैला था। 3506 केस मिले थे, 38 की मौत हुई थी। उस दौर में करीब 1500 लोगों के स्वाब सैंपल रोजाना लिए जाते थे। इनमें से लगभ 500 सैंपल रैपिड एंटीजन किट से लेते थे। रिपोर्ट दो घंटे में मिल जाती थी। पॉजिटिव मरीज को होम आइसोलेट या भर्ती किया जाता था। संक्रमण दर इस माह सबसे अधिक है, इसके बावजूद रैपिड टेस्ट बंद हैं। सभी टेस्ट आरटीपीसीआर हो रहे हैं।

सिविल अस्पताल में रोजाना 300 सैंपल लेने की क्षमता है, करीब 400 लिए जाते हैं। बाकी सैंपल सीएचसी-पीएचसी में लिए जाते हैं। सिविल अस्पताल स्थित कोविड लैब की टेस्टिंग 600 सैंपल की है। सैंपल संख्या बढ़ने के कारण लगभग 800 की टेस्टिंग हो रही है। 96 सैंपल की जांच एनसी मेडिकल कालेज इसराना में कराई जा रही है।

स्वाब सैंपल के लिए सिंगल विंडो

स्वाब सैंपल एकत्र करने के लिए अस्पताल में सिंगल विंडो है। आशंकित मरीजों की संख्या वृद्धि को देखें ताे दो विंडो खुलनी चाहिए। भीड़ होने के कारण वहां संक्रमण के पैर पसारने, आशंकित मरीजों और अस्पताल कर्मचारियों के बीच झगड़े की स्थिति बन जाती है।

कर्मचारियों का अभाव

सैंपलिंग विंडो पर कर्मचारियों की संख्या देखें तो सिंगल विंडो के हिसाब से लगभग ठीक है। दूसरी विंडो शुरू करने पर लैब टैक्निशियन और चिकित्सक की पूर्ति करना मुश्किल होगा। दूसरी विंडो खोलने से सैंपल अधिक एकत्र होंगे, उनकी टेस्टिंग में अधिक समय लगेगा।

सोमवार को हुआ था झगड़ा 

स्वाब सैंपल देने के लिए आशंकित मरीजों की विंडो पर भीड़ थी। तीन-चार घंटे तक स्वाब सैंपल देने की बारी नहीं आई तो कुछ लोग भड़क गए। इसी दौरान एक युवक प्रतिबंधित कक्ष में घुसकर मोबाइल फोन से वीडियो बनाने लगा था। डा. अनिल ने विरोध करते हुए उसे रोकने का प्रयास किया। युवक ने डाक्टर का मोबाइल फोन छीनकर तोड़ दिया था।

मास्क व दस्ताने की नहीं कमी

सैंपलिंग टीम के लिए मास्क-दस्ताने की कमी नहीं है। स्वाब सैंपल देने और सेंपल लेने वाले डाक्टर के बीच कांच की दीवार होती है। सिर्फ इतनी ही जगह होती है कि डाक्टर का हाथ आशंकित मरीज के मुंह के पास तक पहुंच सके। इसके लिए उन्हें दस्ताने और मुंह पर मास्क पहनना पड़ता है। पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट किट पहनने की जरूरत नहीं होती है।

रैपिड टेस्ट शुरू करेंगे

सिविल सर्जन डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि सिविल अस्पताल के लिए पांच हजार और फील्ड के लिए 15 हजार रैपिड एंटीजन किट की डिमांड पोर्टल पर डाली हुई है। किट मिलते ही रैपिड टेस्ट कराएं जाएंगे। अब भी डेड बॉडी, इमरजेंसी केसों में रैपिड टेस्ट करा रहे हैं।

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.