अंबाला, [उमेश भार्गव]। 30 साल पहले पिता तो अब पुत्र ने राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में रोचक तरीके से जीत दर्ज कर बतौर सदस्य एंट्री कर ली है। हरियाणा से राज्य सभा की दो सीटों के लिए हुए चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने जीत दर्ज करवाई। कार्तिकेय विनोद शर्मा जोकि कांग्रेस सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं के पुत्र हैं।
1992 में राज्य सभा सदस्य बने थे विनोद शर्मा
इतिहास के पन्नों पर नजर दौड़ाएं तो विनाेद शर्मा ने 1992 में पंजाब में तत्कालीन बेअंत सिंह सरकार के दौरान कांग्रेस पार्टी से राज्य सभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। उनका कार्यकाल 6 वर्ष अप्रैल, 1998 तक रहा था। उसी कार्यकाल दौरान शर्मा केंद्र में तत्कालीन पीवी नरसिम्हा सरकार में उपमंत्री ( डिप्टी मिनिस्टर) भी बने थे।
पहले विधायक भी रह चुके थे
हालांकि राज्य सभा सांसद बनने से पूर्व विनोद शर्मा वर्ष 1980 में पंजाब में तत्कालीन पाटियाला जिले के अंतर्गत पड़ने वाली बनूड़ विधानसभा सीट से विधायक भी निर्वाचित हुए थे। अब उनके पुत्र कार्तिकेय ने भी राज्यसभा में एंट्री कर ली हैं। कार्तिकेय की एंट्री के साथ अंबाला में शर्मा परिवार का फिर से राजनीतिक कद बढ़ जाएगा। बता दें कि विनाेद शर्मा अब तक तीन बार विधायक रह चुके हैं।
मां मेयर तो अब बेटा बनेगा नगर परिषद का सदस्य
बता दें कि कार्तिकेय शर्मा की मां शक्तिरानी शर्मा नगर निगम की मेयर हैं। अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 4 (3) के अनुसार प्रदेश सरकार न केवल स्थानीय निगम क्षेत्र, जिस विधानसभा हलके एवं लोकसभा हलके के अंतर्गत पड़ता है, से निर्वाचित विधायक एवं लोकसभा सांसद को बल्कि नगर निगम क्षेत्र में उस रजिस्टर्ड मतदाता (वोटर) को, जो संसद के ऊपरी सदन अर्थात राज्यसभा का सदस्य हो, को उस नगर निगम के सदस्य के तौर पर मनोनीत कर सकती है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (आर) के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में पड़ने वाले संपूर्ण और आंशिक लोकसभा / विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचित लोकसभा सांसद और विधायक नगर निगम के पदेन (अपने पद के कारण) सदस्य होते हैं। लिहाजा कार्तिकेय शर्मा की अब अंबाला नगर निगम में भी बतौर सदस्य एंट्री हो जाएगी
अब तक चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्र बने हैं हरियाणा राज्यसभा सदस्य
अंबाला शहर निवासी अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया कि अब तक हरियाणा के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्र राज्यसभा में पहुंचे हैं। मार्च, 2020 में भूपेंद्र हुड्डा के पुत्र दीपेंदर हुड्डा, बंसी लाल, जो तीसरी बार जून, 1986 में मुख्यमंत्री बने थे तब अगस्त, 1986 में उनके पुत्र सुरेंद्र सिंह, देवी लाल जब दूसरी बाद जून, 1987 में मुख्यमंत्री बने, तो अगस्त, 1987 में उनके बड़े पुत्र ओम प्रकाश चौटाला, वर्ष 1990 में चौटाला के भाई एवं मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला भी दो वर्षो के लिए राज्य सभा सांसद बने थे। उसके बाद वर्ष 2004 में ओम प्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री रहते उनके बड़े पुत्र अजय चौटाला, जो वर्तमान में जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है, वह भी राज्यसभा सदस्य बने। हालांकि अजय वर्ष 2010 में दोबारा राज्य सभा सांसद भी बने थे जब हुड्डा मुख्यमंत्री थे।
a