हरियाणा में रिकार्ड तोड़ने के करीब सितंबर की बारिश, धुले बेहाल किसानों के अरमान, सड़कें हुई जलमग्न
हरियाणा में लगातार हो रही बारिश से सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को हो रहा है। खेतों में कई दिन से पानी खड़ा है। धान की फसल में बालियां निकली शुरू हो चुकी हैं। बरसात के कारण शहर पूरे जलमग्न हो चुके है।
करनाल, जागरण संवाददाता। विदाई समय में मानसून रिकार्ड बनाने के करीब पहुंच गया है। करनाल में इस सीजन में अब तक कुल 1251 एमएम बारिश हुई है। अब तक सबसे ज्यादा जुलाई महीने में 472 एमएम बरसात हुई थी। सितंबर महीने में अब तक 400.6 एमएम बरसात हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में मेघा के जमकर बरसने का अनुमान है। हालांकि इस बारिश ने किसानों के अरमानों को भी धुल दिया है। जगह-जगह जलभराव से आम लोग त्रस्त हैं। शनिवार काे पश्चिमी बाइपास के अंडरपास में एक रोडवेज बस दो घंटे तक फंसी रही। क्रेन की मदद से बस को निकाला गया।
किसानों की चिंता बढ़ी
तीन दिन से जारी बारिश का सिलसिला शनिवार सुबह से शाम तक थमा रहा तो लोगों ने आवागमन में राहत महसूस की लेेकिन शाम करीब सात बजे एक बार फिर मूसलाधार बारिश ने अरमानों पर पानी फेर दिया। वहीं लगातार बरसात के चलते घरौंडा क्षेत्र में गंदा नाला टूटने से बाहर आया पानी आसपास के खेतों में घुस गया और सैकड़ों एकड़ में फसल व सब्जियां बर्बाद हो गईं। मंडियों में जलभराव के कारण हालात बेहद चिंताजनक रहे। बीती रात से लेकर दिन भर नगर निगम का अमला ड्रेनेज सिस्टम के जरिए तमाम क्षेत्रों में भरा पानी निकालने का प्रयास करता रहा। इसके बावजूद शाम को फिर शुरू हुए बारिश के दौर ने नए सिरे से चिंता बढ़ा दी।
बन सकता नया रिकार्ड
मौसम विभाग ने एक सप्ताह पूर्व ही मानसून की विदाई तय कर दी थी लेकिन अब सितंबर में बारिश सीजन का नया रिकार्ड बनाने के करीब है। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मौसम अनुभाग के अनुसार सीजन में करनाल में कुल 1251.8 एमएम बरसात हुई है। जुलाई में सबसे अधिक 472 एमएम पानी बरसा है।
सितंबर में अब तक 400.6 एमएम बरसात हो चुकी है और जिस तरह रोजाना बारिश हो रही है, इससे अनुमान है कि सितंबर में नया रिकार्ड बनेगा। लगातार बारिश से तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की जा चुकी है। रातें अधिक ठंडी होने लगी हैं। दिन में धूप न निकलने से अधिकतम तापमान में भी बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले दिनों में दिन और रात के तापमान में कमी दर्ज की जा सकती है।
किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
लगातार हो रही बारिश से सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को हो रहा है। खेतों में कई दिन से पानी खड़ा है। धान की फसल में बालियां निकली शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में हवा के हल्के झोंके से ही फसल के गिरने का खतरा बना हुआ है। वहीं खड़ी फसल के साथ मंडियों में पहुंच रही धान भी खुले आसमान के नीचे हैं। आढ़तियों की हड़ताल के कारण भी किसानों का धान कई दिन से मंडियों में पड़ा हुआ बारिश में भीग चुका है। ऐसे में बरसात ने किसानों को दोहरी मार पहुंचाई है।
अंडरपास में दो घंटे फंसी रही बस
बरसात के कारण पूरा शहर जलमग्न हो चुका है। शहर के निचले हिस्सों की गलियां और मोहल्लों में निकासी ठप है। पानी की निकासी न होने से तमाम इलाकों में घर से निकलना दूभर हो चुका है। वहीं, जिले के सभी अंडरपास नदी बन चुके हैं। शनिवार को पश्चिमी बाइपास स्थित अंडरपास से गुजरने के दौरान रोडवेज बस फंस गई। पानी ज्यादा होने के कारण बस का इंजन बंद हो गया। काफी प्रयास के बाद भी बस स्टार्ट नहीं हुई, जिस कारण चालक ने यात्रियों को उतार दिया। करीब दो घंटे बाद क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया।