त्योहारी सीजन में शोपीस बनी रेलवे रोड की स्ट्रीट लाइटें
कस्बे की धड़कन रेलवे रोड और सर्विस लेन की स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी है। इसकी जानकारी नपा और उसके ठेकेदार को नहीं है। त्योहार और चुनाव के सीजन में कस्बे में अंधेरा रहना परेशानी का सबब बन सकता है। इससे दुकानदारों में रोष भी है।
जागरण संवाददाता, समालखा : कस्बे की धड़कन रेलवे रोड और सर्विस लेन की स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी है। इसकी जानकारी नपा और उसके ठेकेदार को नहीं है। त्योहार और चुनाव के सीजन में कस्बे में अंधेरा रहना परेशानी का सबब बन सकता है। इससे दुकानदारों में रोष भी है।
उल्लेखनीय है कि त्योहार का सीजन शुरू होने वाला है। विस चुनाव की कभी घोषणा हो सकती है। सुरक्षा लोगों की जरूरत है। फिर भी रेलवे रोड की 27 और सर्विस लेन की 140 स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी है। नपा करीब 22 लाख रुपये सालाना बिजली निगम को बिल भरती है। नपा की अनदेखी से राहगीरों और दुकानदारों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है। रास्ते से आवाजाही में दिक्कत हो रही है। हादसे का डर बना रहता है। वारदात और चोरी का भी खतरा रहता है। मोहल्ले की गलियों और सड़कों का भी कमोबेश यही हाल है, लेकिन पार्षदों और नुमाइंदों को इसकी चिता नहीं है।
रेलवे रोड पर हमेशा होते रहते हादसे
रेलवे रोड पर लावारिश पशुओं का रात में बसेरा रहता है। देर शाम दुकानदार भी अपनी लाइट बंद कर चले जाते हैं। रास्ते पर अंधेरे से पशु दिखाई नहीं देते हैं। हादसे में लोगों और पशुओं के साथ वाहन को भी नकुसान पहुंचता है। रात्रि सफाई में लगे कर्मचारियों को परेशानी होती है। दुकानदार चांद सिंह, संदीप, पंकज, अशोक, नरेश आदि ने बताया कि नपा के लाखों रुपये बिजली बिल भरने का लोगों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
ठेकेदार को नहीं इसकी जानकारी
सत्यवान का कहना है कि किसी ने उसे लाइट बंद होने की सूचना नहीं दी है। वे स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत कर इसे चालू करवा देंगे। मालूम हो कि नपा ने 93 हजार रुपये सालाना में छोटे बिजली सामान सहित कस्बे के लाइटों की मरम्मत का ठेका छोड़ा हुआ है। कस्बे में बिजली के करीब 23 सौ प्वाइंट हैं।
लोगों को नहीं होगी परेशानी : चेयरपर्सन पति
चेयरपर्सन निधि के पति सचिन मित्तल ने कहा कि उन्हें भी लाइट बंद होने की सूचना नहीं है। कुछ बिजलीकर्मी भी लाइटों के कनेक्शन काटने की हरकत करते हैं। वे ठेकेदार और बिजली निगम एक्सईएन से बातकर इसे जल्द चालू करवाएंगे। सड़कों और मुहल्लों में अंधेरा नहीं रहने दिया जाएगा।