दिल्ली में जा रहे पानी में अमोनिया बढ़ा तो पानीपत और सोनीपत के उद्योगों पर छापेमारी
यमुना में सैंपलिग का काम शुरू कर दिया गया है। जिन-जिन प्वाइंट पर शहर का पानी गिरता है वहां के सैंपल लिए जा रहे हैं। वीरवार से यमुना के साथ लगते उद्योगों पर छापेमारी की जाएगी।
जागरण संवाददाता, पानीपत : यमुना से दिल्ली जा रहे पानी में अमोनिया की मात्रा अधिक होने से पानीपत और सोनीपत के उद्योगों में छापेमारी की जाएगी। यह अभियान वीरवार से चलाया जाएगा। अभियान के लिए दिल्ली जल बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित राज्य प्रदूषण नियंत्रण की टीम गठित की गई है।
यमुना में सैंपलिग का काम शुरू कर दिया गया है। जिन-जिन प्वाइंट पर शहर का पानी गिरता है, वहां के सैंपल लिए जा रहे हैं। वीरवार से यमुना के साथ लगते उद्योगों पर छापेमारी की जाएगी। तीन विभागों की संयुक्त टीम छापेमारी को अंजाम देगी। पानीपत और सोनीपत के उद्योगों की जांच होगी। पानीपत में कामन ट्रीटमेंट प्लांट और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के पानी की सैंपल भी लिए गए हैं, जो जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं।
दिल्ली के वजीराबाद में यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़कर सात पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) हो गया है, जबकि मान्य सीमा 0.8 पीपीएम है। इसके लिए यमुना निगरानी समिति ने 10 जनवरी तक रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली जल बोर्ड का आरोप है कि बार-बार ध्यान दिलाने के बाद भी हरियाणा ने उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी का बहाव रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। यमुना निगरानी समिति में दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सेवानिवृत्त विशेषज्ञ सदस्य बीएस सजवान शामिल हैं।
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दिल्ली जल बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम यमुना में गंदा जल छोड़ने वाले उद्योगों की जांच करेगी। यदि किसी उद्योग से प्रदूषित जल यमुना में जाता मिला तो उस पर जुर्माना किया जाएगा। वीरवार (सात जनवरी) से छापेमारी की कार्रवाई होगी। प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी जा सकती है।
कमलजीत, आरओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पानीपत