ये इंटरव्यू हमारे काम का है, सर्दी से जुड़े सवाल और जानिये उनके जवाब
मौसम विभाग ने आशंका जाहिर की है कि दो या तीन दिन में सर्दी और बढ़ेगी। यानी, अब ज्यादा सतर्क रहना होगा। क्या करें और क्या नहीं करें, यह जानने के लिए पढ़ें ये विशेष खबर।
पानीपत [राज सिंह] : खानपान की दृष्टि से सर्दी का मौसम हर व्यक्ति के लिए मुफीद बताया जाता है। सच भी है, सर्दियों में लगभग सभी हरी सब्जियां, बाजार में आसानी से उपलब्ध रहती हैं। स्वस्थ खानपान के बावजूद यह मौसम मामूली सी लापरवाही बरतने पर आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। बच्चों-बुजुर्गो सहित दमा, टीबी और हार्ट के रोगियों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। दैनिक जागरण ने छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कौशल से बातचीत की । जानिये, क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
प्रश्न : सर्दी के मौसम में सामान्यत: कौन-कौन सी बीमारियां होने का डर रहता है, बचाव कैसे हो?
उत्तर : जुकाम-खांसी सामान्य बीमारी हैं और यह हर आयु के व्यक्ति को चपेट में ले सकती है। यह वायरल इंफेक्शन है, इसमें एंटीबायटिक की जरूरत नहीं होती। एंटी एलर्जिक दवा से 5-7 दिन में मरीज को आराम मिल जाता है।
प्रश्न : बच्चों के लिए सर्दी कितनी घातक है। क्या बीमारी हो सकती है?
उत्तर : नाक बहना, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया और टॉन्सिलाइटिस के शिकार बच्चे ज्यादा होते हैं। गले में दर्द और तेज बुखार भी हो सकता है। बच्चों को सर्दी से बचाएं। ठंडी चीजें न खिलाएं। गुनगुने पानी से नहलाएं।
प्रश्न : सर्दी के मौसम में युवा वर्ग सेहत का ध्यान कैसे रखे?
उत्तर : सेहत के प्रति सबसे अधिक लापरवाह युवा वर्ग है। अब कम आयु में भी हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं। गले में संक्रमण, खांसी-जुकाम, त्वचा में रुखापन आ जाता है। घर से बाहर निकलने से पहले गर्म कपड़े पहनें। गुनगुने या ताजा पानी से स्नान करें।
प्रश्न : वातावरण में धुंध और धुंआ है, इससे कौन सी बीमारी होती है, कैसे बचें?
उत्तर : सर्दी के मौसम में मानव शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान स्मॉग से ही होता है। दमा, टीबी के रोगियों के लिए बेहद घातक है। घर से बाहर निकलने से पहले मुंह पर एन-95 मॉस्क लगाएं। मफलर या रुमाल से भी मुंह और नाक को ढका जा सकता है।
प्रश्न : सर्दी के मौसम में गर्भवती महिलाओं को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर : गर्भावस्था के दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। महिला को खांसी-जुकाम और बुखार होने पर, गर्भस्थ शिशु पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। इलाज की नौबत न आए इसलिए बचाव जरूरी है।
प्रश्न : ब्रोंकाइटिस क्या है, इससे डरने की कितनी जरूरत है?
उत्तर : यह वायरल संक्रमण है जो फेफड़ों में ब्रांकिओल्स के सूजन का कारण बनता है। सांस लेने में दिक्कत होती है। गले में खरास, बुखार, छाती में घरघराहट और डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। लापरवाही बरतने पर मरीज को अस्पताल में एडमिट भी होना पड़ सकता है।
प्रश्न : पचास प्लस आयु के लोगों को सर्दी के मौसम में कौन सी बीमारी हो सकती है?
उत्तर : बेल्स पाल्सी यानि फेसियल पेरालिसिस और हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। कान के पास से सेवेंथ क्रेनियल नस गुजरती है, जो तेज ठंड होने पर सिकुड़ जाती है। इसकी वजह से यह बीमारी होती है। बेहतर होगा कि ठंड से बचें। गर्म कपड़ों के साथ सिर को मफलर या कैप से ढकें।
प्रश्न : हाइपोथर्मिया क्या है, सर्दी के मौसम में इस बीमारी से भी मौतें होती रही हैं।
उत्तर : सर्दियों में अगर शरीर का ताप 34-35 डिग्री से नीचे चला जाए तो उसे हाइपोथर्मिया कहते हैं। हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं, सांस लेने में तकलीफ होती है। हार्ट बीट बढ़ जाती है, बीपी कम हो जाता है। शरीर का तापमान कम होने से कई बार व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है।
प्रश्न : सर्दी के मौसम में अधिकांश बुजुर्गों के जोड़ों में दर्द की शिकायत क्यों रहने लगती है?
उत्तर : पचास से अधिक आयु होने पर हड्डियां कमजोर होनी शुरु हो जाती हैं। कैल्शियम की कमी हो जाती है। गठिया रोग भी जोड़ों में दर्द का मुख्य कारण है। हड्डियों में कैल्शियम की समय-समय पर जांच कराएं। एलएचए बी-27 टेस्ट से गठिया रोग का पता चल जाता है। फिजियोथेरेपिस्ट की मदद, योग से लाभ मिलता है।
प्रश्न : सर्दी में होने वाली सामान्य बीमारियों से कैसे बचा जाए?
उत्तर : गर्म कपड़े पहनें। धूप का आनंद लें। गुनगुना पानी पीएं। तैलीय खाद्य पदार्थो का सेवन न करें। स्वच्छ वातावरण में व्यायाम करें। बासी और ठंडा भोजन न खाएं। कोल्ड ड्रिंक आइसक्रीम से परहेज करें। सर्दी लगने के लक्षण दिखाई दे तो अनुभवी चिकित्सक से परामर्श लें।