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बेटी को दिलवाई शहर की सरदारी, क्‍योंकि उतारना है यह बड़ा कर्ज

3.28 लाख वोटरों ने मेरी बेटी को मेयर बनाया है। पांच साल के कार्यकाल में हर एक कर्ज उतारूंगा। साक्षात्कार में पूर्व मेयर सरदार भूपेंद्र सिंह ने साक्षात्कार के दौरान ये बात कही।

By Edited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 02:03 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 01:49 PM (IST)
बेटी को दिलवाई शहर की सरदारी, क्‍योंकि उतारना है यह बड़ा कर्ज
बेटी को दिलवाई शहर की सरदारी, क्‍योंकि उतारना है यह बड़ा कर्ज

पानीपत, [अरविंद झा]। पब्लिक मेरी पावर है। इस पावर का उपयोग अच्छे कार्यों के लिए करूंगा। चाहे जहां भी जिस दल में रहूं ईमान नहीं बेचूंगा। बेटी अवनीत अच्छा काम करेगी तो मेयर रहेगी, नहीं तो पब्लिक के हाथ में सब कुछ है। 

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नगर निगम के 3.28 लाख वोटरों ने मेरी बेटी को मेयर बनाया है। पांच साल के कार्यकाल में हर एक कर्ज उतारूंगा। नव निर्वाचित मेयर अवनीत कौर के शपथ ग्रहण समारोह से पूर्व दैनिक जागरण के ब्यूरो प्रभारी अरविन्द झा को दिए साक्षात्कार में पूर्व मेयर सरदार भूपेंद्र सिंह ने ये बातें कही। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश।      

प्रश्न : मेयर साहिबा के आप पिता हैं। क्या मेयर आपकी बेबी रहेगी? 
उत्तर : मेरे घर पर बेटी रहेगी। दरवाजे से बाहर निकलते ही मेरे लिए मेयर बन जाएगी। माता-पिता को खुशी होती है जब बच्चा उनसे आगे निकल जाता है। मेरे लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है। सेल्यूट मारने में एक मिनट की देर नहीं लगाऊंगा।
प्रश्न : समय काल में मेयर को क्या समझाने की कोशिश करेंगे। ट्रेङ्क्षनग क्या दी है?   
उत्तर : एक बार शपथ तो हो जाए। हर तरह की ट्रेनिंग बिटिया को दूंगा। नगर निगम में दलाल से दूर रहने के लिए कहूंगा। अवनीत को 1.26 लाख के बजाए 3.48 लाख वोट मिला है। हम प्रत्येक मतदाताओं का कर्ज उतारेंगे
प्रश्न : मेयर और पूर्व मेयर के रूप में कौन सी बात कचोटती है?  
उत्तर : रेनीवेल प्रोजेक्ट का पास नहीं होना, ड्रेन नंबर को कवर नहीं करवाना और फ्लाईओवर का कट नहीं खुलवा सका। गंदगी और सूअरों से शहर को निजात नहीं दिलाया। पब्लिक ने मुझे समझाया कि पद होना या न होना कोई मायने नहीं रखता है। 
प्रश्न : अब आप अपनी भूमिका किस रूप में देख रहे हैं?
उत्तर : शहर के सेवक की भूमिका में। पार्टी किसी को चुनाव लड़ा सकती है। हम उसे भारी मतों से जितवा कर लाएंगे। पार्टी के प्रति निष्ठा होनी चाहिए।   
प्रश्न : पावर का अनुभव कैसा था। अब क्या उम्मीद लग रहा है?
उत्तर : तब महसूस होता था जब हम मेयर के पद पर थे। पार्षदों की वोट से मेयर बने। आज पब्लिक ने चुना है। वही मेरी पावर है। इससे बड़ी पावर कोई नहीं हो सकती। पावर तो गलत काम करने के लिए दिए जाते हैं। अच्छे कार्य के लिए पब्लिक का प्यार बहुत है।  
प्रश्न : लोग कहते हैं पहले इनेलो, फिर कांग्रेस और अब भाजपा में आ गए। क्या आप मौकापरस्त हैं?  
उत्तर : मैं कहीं भी रहा ईमान से समझौता नहीं किया। नाले से गंदगी उठाने में ये नहीं देखा कांग्रेस का है या इनेलो का। सड़क बनवाने के लिए शव यात्रा निकाली। उस सड़क पर सभी पार्टियों के लोग चलते हैं। आज भी वादा करता हूं जहां रहूंगा ईमान नहीं बेचूंगा। 
प्रश्न : आप जातिवादी, सांप्रदायिक या राष्ट्रवादी हैं। किस आधार पर चुनाव लड़े? 
उत्तर : मैं भारतीय हूं। जात-पात को आधार बना कर चुनाव नहीं लड़ा। हमारे दस गुरुओं ने देश के लिए माता-पिता और बच्चों कुर्बानी दी। पानीपत के लोगों की सेवा के लिए सदैव तैयार हूं। जाति के दम पर या पार्टीबाजी में टिकट नहीं मिली है।   
प्रश्न : बेटी अवनीत के ससुराल वालों को कैसे साधेंगे? 
उत्तर : मेरा जो स्वभाव है वही अवनीत के ससुर का भी है। मेरे से ज्यादा प्यार उस घर में मिल रहा है। वो परिवार चाहता है मौका मिला तो उनकी भी सेवा करेंगे।


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