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Survey: यमुनानगर में प्रापर्टी सर्वे ने उड़ाई लोगों की नींद, कंपनी पर सात करोड़ का दावा ठोकने की तैयारी

नगर निगम के पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन बिट्टू व पार्षद नगर राम आसरे का दावा है कि कंपनी द्वारा किया गया 90 प्रतिशत सर्वे न केवल गलत है बल्कि फर्जी भी है। क्योंकि जो सर्वे किया है वह लोगों की पुरानी आइडी के साथ बिल्कुल मेल नहीं खा रहा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 09:26 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 09:26 AM (IST)
यमुनानगर के नगर निगम एरिया में प्रापर्टी का निजी कंपनी ने कराया सर्वे।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। नगर निगम एरिया में प्रापर्टी का निजी कंपनी से कराए गए सर्वे ने लोगों की नींद उड़ा दी है। कंपनी ने सर्वे किस आधार पर किया न लोगों को पता है और न ही अधिकारियों को। नगर निगम के पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन बिट्टू व पार्षद नगर राम आसरे का दावा है कि कंपनी द्वारा किया गया 90 प्रतिशत सर्वे न केवल गलत है बल्कि फर्जी भी है। क्योंकि जो सर्वे किया गया है वह लोगों की पुरानी आइडी के साथ बिल्कुल भी मेल नहीं खा रहा। दोनों ने सर्वे करने वाली कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में जाने का निर्णय लिया है। जहां पर पांच हजार रुपये प्रति यूनिट की दर से सात करोड़ का दावा कंपनी पर करेंगे। 

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कंपनी घर भेज रही असेसमेंट के नोटिस

सर्वे पूरा होने के बाद कंपनी ने लोगों को नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। जिसमें लोगों से कहा गया है कि यह नोटिस नई व पुराने सर्वे की आइडी के मिलान के बाद जारी किया गया है। यदि नोटिस में दर्शाई गई पुरानी आइडी सही नहीं है तो संशोधन के लिए अपने दस्तावेज प्रस्तुत करें। यानि नोटिस में भी कंपनी ने अपनी आइडी को सही व पुरानी आइडी को गलत दिखाने की कोशिश की है। इसी तरह कंपनी ने एक व्यक्ति की आइडी को दूसरे के नाम चढ़ा दिया। जिससे देख कर लोग इसे ठीक कराने के लिए कंपनी कर्मचारियों के आगे पीछे चक्कर काट रहे हैं। गलत सर्वे कंपनी ने किया और धक्के लोगों को खाने पड़ रहे हैं।

विदेश में रहने वालों की टेंशन बढ़ी

वार्ड सात के पार्षद राम आसरे का कहना है कि नोटिस से सबसे ज्यादा टेंशन में वह लोग हैं जिन्होंने अपने घर तो किराये पर दे रखे हैं और खुद विदेश में रहते हैं। वह बार-बार अपने पार्षद को फोन कर इसके बारे में जानकारी ले रहे हैं। उनकी टेंशन वाजिब है। क्योंकि उनकी प्रापर्टी दूसरे के नाम चढ़ गई तो इससे उन्हें नुकसान हो जाएगा। कंपनी की गलती का खामियाजा भुगतने के लिए उन्हें विदेश से आना होगा। राम आसरे का कहना है कि खुद मेरे ही घर की असेसमेंट गलत है। मेरे घर पर किसी ओर की आइडी को दिखाया गया है। इतना ही नहीं मैं  घर का मालिक हूं और मुझे दूसरा खरीदार दिखाया गया। इसलिए यह सर्वे पूरी तरह से फर्जी है। मेरे घर पर भी कोई सर्वे करने नहीं आया।

सात करोड़ रुपये का दावा करेंगे : पवन बिट्टू

नगर निगम के पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन बिट्टू का कहना है कि वह उपभोक्ता फोरम में पांच हजार रुपये प्रति यूनिट की दर से सात करोड़ का दावा कंपनी पर करेंगे। कंपनी ने 90 प्रतिशत सर्वे गलत किया है। सरकार को बदनाम करने के लिए जानबूझ कर लोगों को असेसमेंट नोटिस जारी किए हैं। नोटिस कंपनी दे रही है परंतु इस पर किसी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है। यह नोटिस भी निगम के नाम से जारी किए गए हैं। यह सब लोगों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। यदि कंपनी पर कार्रवाई नहीं हुई तो जरूरत पड़ने पर वह हाई कोर्ट में भी जाएंगे।

केस एक

माडल टाउन निवासी रजनीश मिगलानी का कहना है कि उनका पुश्तैनी मकान 304 वर्ग गज है। उनके होश उस वक्त उड़ गए जब उनकी असेसमेंट 170 वर्ग गज मकान की भेज दी गई। बाद में जब निगम में गए तो पता चला कि उनका रिकार्ड ही गलत है। निगम में जो रिकार्ड है वह 1969 का है जो उर्दू में है। निगम के पास उर्दू पढ़ने वाला कोई नहीं है। अधिकारी उनके दस्तावेजों को नहीं मान रहे हैं।

केस दो

माडल टाउन की आशा का कहना है उन्हें जो नोटिस जारी किया गया है उसमें उनकेे 170 वर्ग गज के मकान को तीन मंजिला दिखाया गया है। जबकि घर की छत पर एक चौबारा तक नहीं बना है। जब उनके घर की पहले से ही निगम के पास आइडी है तो दोबारा सर्वे कराने की क्या जरूरत थी। इस सर्वे में बड़ा गोलमाल किया गया है। इसकी जांच होनी चाहिए।

केस तीन

सेक्टर-18 निवासी गुरप्रीत सिंह का कहना है कि कोई भी उनके यहां सर्वे करने नहीं आया। नोटिस में जो रिकार्ड दिखाया गया है वह उनकी प्रापर्टी से बिल्कुल भी मेल नहीं खाता। कंपनी ने सर्वे तो ठीक किया नहीं उल्टा उन्हें परेशान कर दिया। सेक्टर शहर का सबसे विकसित एरिया होता है। जिसकी प्रापर्टी में बदलाव हो ही नहीं सकता।


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