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बसपा नेता सुखदेव के दो हत्यारोपित एक माह बाद गिरफ्तार

बसपा नेता की हत्या करने के दो आरोपितों को सीआइए टू की टीम ने नामुंडा नहर पुल के पास से गिरफ्तार किया। दोनों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम है। वारदात को अंजाम देने के बाद से आरोपित लगातार ठिकाने बदल रहे थे। कुछ दिन वह नेपाल में भी छिपकर रहे। पुलिस ने शुक्रवार को उन्हें अदालत पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने रंजिश में हत्या करने की बात कबूल की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 09:18 AM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 09:18 AM (IST)
बसपा नेता सुखदेव के दो हत्यारोपित एक माह बाद गिरफ्तार
बसपा नेता सुखदेव के दो हत्यारोपित एक माह बाद गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, समालखा (पानीपत) : बसपा नेता की हत्या करने के दो आरोपितों को सीआइए टू की टीम ने नामुंडा नहर पुल के पास से गिरफ्तार किया। दोनों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम है। वारदात को अंजाम देने के बाद से आरोपित लगातार ठिकाने बदल रहे थे। कुछ दिन वह नेपाल में भी छिपकर रहे। पुलिस ने शुक्रवार को उन्हें अदालत पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने रंजिश में हत्या करने की बात कबूल की है।

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एसपी सुमित कुमार ने शुक्रवार को पत्रकारवार्ता में बताया कि जौरासी खालसा वासी सुखदेव हाल में गांधी कॉलोनी में परिवार सहित रहता था। वह सफेदी ठेकेदार का काम करता था। 22 फरवरी को वो माता पुली रोड स्थित आनंद के घर पर काम कर रहे मजदूरों के पास आया था। यहां से दोपहर के समय जब वह बाजार जाने के लिए निकला तो दो बाइक सवार बदमाशों ने सीने में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हत्यारोपितों की पहचान अभिजीत उर्फ गोलू खरक बोनी जिला मधुबनी बिहार हाल किरायेदार गांधी कॉलोनी व विशाल डिकाडला हाल निवासी टीडीआइ सिटी सोनीपत के तौर पर हुई थी।

एक और वारदात की तैयारी में थे आरोपित

सीआइए टू प्रभारी दीपक व उनकी टीम आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए संदिग्ध ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही थी। बृहस्पतिवार शाम को सूचना मिली कि दोनों आरोपित नामुंडा नहर पुल के पास किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। दबिश देकर दोनों को काबू कर लिया गया। उनके पास से एक देसी पिस्टल भी बरामद हुई।

नेपाल में भी छिपकर रहे

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि दो वर्ष पहले उनका सुखदेव व उसके परिजनों के साथ विवाद हुआ था। जिसमें सुलह हो गई थी, लेकिन वारदात से करीब एक सप्ताह पहले फिर से अभिजीत व सुखदेव के बीच कहासुनी हुई। इसी रंजिश में उसने विशाल के साथ मिलकर सुखदेव की हत्या कर दी। वारदात के बाद पुलिस से बचने के लिए न केवल ठिकाने बदलते रहे, बल्कि कुछ दिनों तक नेपाल में भी छिपे रहे।

पहले भी रहा है अपराधिक रिकार्ड

पुलिस जांच पड़ताल में हत्यारोपितों का पहले भी आपराधिक रिकार्ड पाया गया है। अभिजीत पर समालखा थाना में वर्ष 2018 में मारपीट व जान से मारने की धमकी का केस दर्ज है। वहीं उसके साथी विशाल पर सोनीपत के थाना मुरथल में वर्ष 2017 में भादस की धारा 395,397 व 25-54-59 आ‌र्म्स एक्ट के तहत, समालखा थाना में वर्ष 2018 में मारपीट व जान से मारने की धमकी के अलावा थाना बड़ौत जिला बागपत उप्र में भी हत्या की कोशिश व आ‌र्म्स एक्ट का वर्ष 2017 में केस दर्ज हुआ था। वह 11 महीने बागपत व 7 महीने सोनीपत जेल में रहने के बाद अक्टूबर 2018 में जमानत पर जेल से बाहर आया था।


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