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निजी अस्पताल भी गांवों में बनाने लगे गोल्डन कार्ड

योजना के जिला सूचना प्रबंधक सोहन सिंह ग्रोवर ने बताया कि करीब पौने तीन लाख पात्रों के गोल्डन कार्ड बनने हैं। अभी तक लगभग 40 फीसद ने ही गोल्डन कार्ड बनवाया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 07:41 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 07:41 AM (IST)
निजी अस्पताल भी गांवों में बनाने लगे गोल्डन कार्ड

जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना अब परवान चढ़ने वाली है। यूं तो पानीपत और दूसरे जिलों के करीब 19 हजार मरीज जिला के अस्पतालों में 20 करोड़ रुपये से अधिक का निशुल्क इलाज करा चुके हैं। योजना के पात्र जिलावासियों के गोल्डन कार्ड मात्र 40 फीसद बनना विभाग के लिए चिता का विषय है। अब निजी अस्पतालों के संचालकों ने गांवों में शिविर लगाकर, कार्ड बनाते हुए योजना को पंख देने शुरू कर दिए हैं।

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योजना के जिला सूचना प्रबंधक सोहन सिंह ग्रोवर ने बताया कि करीब पौने तीन लाख पात्रों के गोल्डन कार्ड बनने हैं। अभी तक लगभग 40 फीसद ने ही गोल्डन कार्ड बनवाया है। इनमें देहात के करीब 60 फीसद और शहर के मात्र 40 फीसद पात्र शामिल हैं। कार्ड बनवाने में शहर के लोग पीछे हैं। इसके लिए मेयर अवनीत कौर और शहर विधायक प्रमोद विज से बात हुई हैं। जल्द ही एक बैठक बुलाई जाएगी। पार्षदों और कामन सर्विस सेंटरों के स्टाफ के सहयोग से शहर की बस्तियों में भी गोल्डन कार्ड बनाने के लिए शिविर लगवाए जाएंगे।

ग्रोवर के मुताबिक इसराना स्थित एनसी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, पार्क अस्पताल, मल्होत्रा चाइल्ड एंड मदर केयर हास्पिटल का स्टाफ अब गांवों में जाकर पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाते हुए योजना का प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं। कुछ दूसरे अस्पताल भी सामने आए हैं।

गांव मांडी में लगा शिविर

एनसी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, इसराना की ओर से गांव मांडी स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शिविर लगाकर आयुष्मान भारत योजना के 250 पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाए गए। कालेज के प्रिसिपल डा. टीवी रमनाया, चेयरमैन विजय गुप्ता, वाइस चेयरमैन डीवी गुप्ता, सचिव भूषण गुप्ता ने कहा कि पात्रों को योजना का लाभ मिले, इसलिए कार्ड बनने जरूरी हैं। शिविर में कालेज के मैनेजर अनुराग त्यागी, सतीश कुमार, अशोक मौजूद रहे।


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