Move to Jagran APP

हरियाणा की जेलों में कैदी और बंदी करेंगे गो-सेवा, गोवंश सड़क पर छोड़ा तो जुर्माना

छह जेलों करनाल गुरुग्राम फरीदाबाद रोहतक हिसार जींद में दुधारू-दूध न देने वाले गोवंशों को रखा जाएगा। कैदी-बंदी गोवंश की सेवा करेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 07:54 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 12:40 PM (IST)
हरियाणा की जेलों में कैदी और बंदी करेंगे गो-सेवा, गोवंश सड़क पर छोड़ा तो जुर्माना

जेएनएन, पानीपत। हरियाणा सरकार कैदियों और बंदियों के व्यवहार में सुधार और गोवंश सेवा को जोड़कर एक तीर से कई निशाने साधने की तैयारी में है। प्रदेश की छह जेलों करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, हिसार, जींद में दुधारू-दूध न देने वाले गोवंशों को रखा जाएगा। कैदी-बंदी गोवंश की सेवा करेंगे। गोवंश से मिलने वाला दूध-दही उनकी सेहत बनाने के लिए उपयोग में लाया जाएगा।

loksabha election banner

गोसेवा आयोग हरियाणा के अध्यक्ष भानी राम मंगला ने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकारवार्ता में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इसकी शुरुआत करनाल जेल से होगी। सीएम मनोहर लाल गोवंश की देखरेख को लेकर कटिबद्ध हैं। गत वित्तीय वर्ष में गोशालाओं के लिए 30 करोड़ का बजट था। इस बार 50 करोड़ कर दिया है। सरकार ने जिला गोवंश अधिकारी का नया पद सृजित किया है। पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को एडिशनल जिम्मेदारी दी है। शहर की बात करें तो वर्तमान में सड़कों पर दुधारू गोवंश अधिक दिख रहा है।

उन्होंने कहा कि जिला गोवंश अधिकारी को पावर है कि गोवंश को सड़कों पर छोडऩे वाले पर 5100 रुपये का जुर्माना लगाएं। मंगला ने कहा कि प्रदेश में करीब 600 गोशालाएं हैं, इनमें 4.10 लाख गोवंश है। 20 एकड़ से अधिक भूमि वाली 103 गोशालाएं हैं। इनमें से किसी गोशाला की कमेटी 100 गाय अतिरिक्त रखती है तो उसे 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। इस मौके पर आयोग के सदस्य कुलदीप आर्य, वीरेंद्र चहल, डॉ. अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।

हर गांव में गो-सेवा केंद्र

गांवों का गोवंश बेसहारा न घूमे या शहर तक न पहुंचे, इसके लिए हर गांव में गो-सेवा केंद्र खोला जाएगा। सरपंच, पंच, नंबरदार, ग्राम सचिव की कमेटी जिम्मेदारी संभालेगी। प्रत्येक केंद्र को आयोग की ओर से पांच लाख रुपये की मदद दी जाएगी।

गोशालाओं में होगी टैगिंग

मंगला ने बताया कि सरकार प्रत्येक गोशाला में गोवंश की टैगिंग कराएगी, ताकि पशुओं की गणना हो जाए। सड़क पर बेसहारा घूमने वाला गोवंश किसी गोशाला का तो नहीं है, इसकी भी मॉनिटरिंग हो सकेगी। बड़ी गोशालाओं में गोबर गैस प्लांट बनेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नूंह के एक गांव की गोशाला को चुना गया है। गांव में करीब 900 घरों की रसोई तक गोबर गैस पहुंचेगी।

धर्मगुरुओं से कराएंगे मार्केटिंग

देसी गाय के गोबर, मूत्र, दूध-घी आदि उत्पादों की बिक्री के लिए सरकार एक एप लांच करने वाली है। इसका लाभ यह होगा कि ऑनलाइन देखा जा सकेगा कि कौन सा उत्पाद किस गोशाला में किस रेट पर मिलेगा। धार्मिक अनुष्ठान, कथावाचन करने वाले विद्वानों से इसका प्रचार कराया जाएगा। इससे गोशालाएं आत्मनिर्भर बनेंगी।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.