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Cyber Crime: साइबर अपराध पर नकेल कसने की तैयारी, करनाल में सुलझेंगे तीन जिलों के मामले

पुलिस ने साइबर अपराध पर शिकंजा कसने के चलते ही पिछले करीब एक साल के दौरान सामने आए मामलों के आधार पर विश्लेषण किया है ताकि पता लगाया जा सके कि साइबर अपराधियों के ठिकाने कहां है। उसी अनुसार उन पर कार्रवाई को लेकर रणनीति भी बनाई जाएगी।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 02:53 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 02:53 PM (IST)
Cyber Crime: साइबर अपराध पर नकेल कसने की तैयारी, करनाल में सुलझेंगे तीन जिलों के मामले
कैथल, करनाल व पानीपत जिलों के साइबर क्राइम के मामले की करनाल साइबर थाना में ही होगी कार्रवाई।

करनाल, जागरण संवाददाता। बढ़ते डिजिटल युग के चलते अधिकतर लेन-देन भी डिजिटल होने लगा है। ऐसे में साइबर अपराध के मामले भी लगातार बढ़ने लगे हैं, जो पुलिस के लिए चुनौती बन रहे हैं। लेकिन अब कैथल, करनाल व पानीपत थानों की पुलिस टीमों को ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए दौड़ नहीं लगानी होगी। ऐसे मामलों की जांच से लेकर आरोपितों को काबू किए जाने तक व अगली कार्रवाई करनाल स्थित साइबर थाना पुलिस द्वारा ही की जाएगी। जिसको लेकर तीनों जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ आइजी ममता सिंह ने बैठक कर रणनीति बनाई है तो वहीं इस पर अमल भी शुरू कर दिया गया है।

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पुलिस द्वारा तय की गई नई रणनीति के तहत तीनों जिलों के किसी भी थानें में साइबर अपराध से जुड़ा मामला पहुंचा तो इसे रेंज स्तर पर करनाल में ही स्थित साइबर थाने में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। मामले की जांच इसी थाना की टीम को सौंपी जाएगी और पूरी कार्रवाई यही टीम करेगी।

साइबर अपराधियों के ठिकाने किए जा रहे चिंन्हित

पुलिस ने साइबर अपराध पर शिकंजा कसने के चलते ही पिछले करीब एक साल के दौरान सामने आए मामलों के आधार पर विश्लेषण किया है, ताकि पता लगाया जा सके कि साइबर अपराधियों के ठिकाने कहां है। उसी अनुसार उन पर कार्रवाई को लेकर रणनीति भी बनाई जाएगी। हरियाणा में सबसे अधिक मामले मेवात से जुड़े पाए गए हैं, जबकि पश्चिमी बंगाल व बिहार से जुड़े मामले दूसरे राज्यों में सबसे अधिक रहे हैं।

अभी तक एक मामला ही सुलझ सका

बता दें कि इसी साल फरवरी माह में आइजी भारती अरोड़ा ने रेंज स्तर पर खोले गए साइबर थाने का शुभारंभ किया था। थाने में अब तक 45 से अधिक मामले पहुंचे हैं, लेकिन महज एक मामला ही सुलझ सका है। इसके पीछे संसाधन व साइबर एक्सपर्ट की कमी मानी जा रही है। ऐसे में आइजी की पहल पर अब थाने में संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं तो वहीं संबंधित पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

साइबर अपराध रोकने के भरसक प्रयास : आइजी

आइजी ममता सिंह का कहना है कि साइबर अपराध रोकने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को भी जागरूक रहना होगा। किसी प्रकार के लालच में न आकर आनलाइन लेनदेन करना चाहिए, लेकिन इसके लिए भी हर एप की सत्यता भी जांच लेनी होगी।


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