अनाज घोटाले में मेयर की समिति का सदस्य गिरफ्तार, 9 को जमानत
पूर्व पार्षद रामकुमार सैनी ने मुख्यमंत्री से राशन घोटाले की शिकायत की थी। सीएम फ्लाइंग के डीएसपी सिद्धार्थ के नेतृत्व में टीम ने निवर्तमान मेयर सुरेश वर्मा के कार्यालय में 13 जुलाई को छापा मारा था।
जागरण संवाददाता, पानीपत :
468 क्विंटल के अनाज घोटाले में पुलिस ने निवर्तमान मेयर सुरेश वर्मा की समिति के सदस्य अशोक विहार कालोनी के 55 वर्षीय प्रेमचंद को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है। वहीं, इस मामले में फंसे नौ आरोपितों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरवीर ¨सह दहिया ने जमानत दे दी। सुरेश वर्मा को कोर्ट ने 25 जुलाई को जमानत दे दी थी।
गौरतलब है कि पूर्व पार्षद रामकुमार सैनी ने मुख्यमंत्री से राशन घोटाले की शिकायत की थी। सीएम फ्लाइंग के डीएसपी सिद्धार्थ के नेतृत्व में टीम ने निवर्तमान मेयर सुरेश वर्मा के कार्यालय में 13 जुलाई को छापा मारा था। 18 जुलाई को किला थाने में सुरेश वर्मा सहित समिति के 11 पदाधिकारियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 420 और 120बी के साथ ही असेंशियल कमोडिटी एक्ट 1955 की धारा 7,10 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। गबन में सुरेश वर्मा के अलावा सुभाष पुत्र हरि ¨सह निवासी कुटानी रोड, जितेंद्र पुत्र वीरेंद्र मलिक और आनंद पुत्र ओमप्रकाश निवासीगण हनुमान कॉलोनी, भूपेंद्र पुत्र रमेश निवासी राजीव कॉलोनी, विनोद पुत्र घसीटा राम, प्रेम चंद पुत्र रामदित्ता, प्रेम ¨सह पुत्र मंगत राम और सादा ¨सह पुत्र फकीर ¨सह निवासीगण डाबर कॉलोनी, सतपाल शर्मा पुत्र जिले ¨सह निवासी अशोक विहार कॉलोनी और कुलदीप पुत्र राजेंद्र ¨सह निवासी अशोक विहार कॉलोनी शामिल हैं।
आरोपित पक्ष के वकील श्रीराम वर्मा ने बताया कि प्रेमचंद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कोर्ट के समक्ष 26 महिलाओं के बयान रखे थे। इनमें से 10 महिलाओं ने कोर्ट में डेढ़ माह पहले राशन मिलने की बात स्वीकार की है। सभी नौ लोगों को कोर्ट ने जमानत दे दी है। 18 दिन से थे फरार, फंस गया प्रेम चंद : अनाज गबन मामले में प्रेम चंद व अन्य नौ आरोपित 18 दिन से पुलिस से छिपते फिर रहे थे। पुलिस उनके घरों से लेकर रिश्तेदारों तक से पूछताछ कर रही थी। प्रेम चंद पुलिस के शिकंजे में फंस गया। इसी वजह से उसे अग्रिम जमानत का मौका नहीं मिला। बाकि नौ आरोपितों को जमानत मिल गई।
निवर्तमान मेयर ने बनाई थी समिति
निवर्तमान मेयर सुरेश वर्मा ने समाज कल्याण एवं सुधार समिति बनाई थी। इस समिति ने 1080 क्विंटल अनाज गरीबों में बांटने के लिए खाद्य आपूर्ति एवं नियंत्रण विभाग से ले लिया था। आरोप है कि इसमें से 468 क्विंटल गेहूं गरीबों में बांटने की बजाय बेच दिया गया। सीएम फ्लाइंग की जांच में भी यह बात सामने आई थी। मई 2018 में संस्था बनाई लेकिन अप्रैल, मई और जून का अलॉट करवा लिया। संस्था को 41 क्विंटल गेहूं अलॉट होना था, लेकिन अधिकारियों से मिलीभगत करके 4.51 लाख रुपये का गेहूं अलॉट करवा लिया। लोगों ने कहा, नहीं मिला मुफ्त अनाज
मेयर सुरेश वर्मा की समिति ने 735 लोगों को मुफ्त अनाज बांटने का दावा किया गया था। रविवार को किला थाना पुलिस खाद्य आपूर्ति एवं नियंत्रण विभाग के सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार को साथ लेकर राकेश नगर, दलबीर नगर व अन्य कॉलोनियों में पहुंची। पुलिस ने महिलाओं से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि मुफ्त में अनाज नहीं मिला है।