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कोरोना काल में गर्भवती महिलाएं रखें अपना खास ध्यान, वैक्सीन लगवाने से पहले ये जान लें

कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को अपना खास ध्यान रखने की जरूरत है। कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाना अनिवार्य है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाने से पहले कुछ बातें जान लेना जरूरी है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 12:03 PM (IST)
कोरोना काल में गर्भवती महिलाएं रखें खास ध्यान।

पानीपत, जागरण संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर कहर बरपा रही है। गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना होगा। खासकर, हाई रिस्क गर्भवती को महिला रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ के बताए दिशा-निर्देशों का पालन करना ही चाहिए। इसी के साथ चार से छह माह की गर्भवती महिला को कोरोना वैक्सीन की डोज जरूर लगवानी चाहिए।

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वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी डा. मनीष पासी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने जागरण से बातचीत में बताया कि कोरोना महामारी ने हर उम्र के महिला-पुरुषों को चपेट में लिया है। अब तक जिला में 35 हजार 113 केस पाजिटिव मिल चुके हैं। इनमें से 32 हजार 113 रिकवर हुए तो 1753 अभी भी एक्टिव हैं। अभी तक 646 मरीज दम भी तोड़ चुके हैं। गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित मिली, यहां तक की कोरोना रिकवर महिला के गर्भ से जन्मा नवजात भी कोरोना पाजिटिव मिल चुका है। गर्भवती महिला का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है, इसलिए बीमारी के गंभीर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए, कोरोना रोधी वैक्सीन की डोज लगनी बहुत जरूरी है। गभर्वती को मास्क पहनना, सुरक्षित शारीरिक दूरी रखना, हाथ साबुन से धोते रहना जैसे सभी नियमों का पालन करना चाहिए।

भीड़ में न जाएं, ताकि संक्रमण का खतरा न रहे। डा. पासी के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान रेगुलर चेकअप समय पर कराएं। स्वस्थ आहार लें, खूब पानी पिएं, सुबह-शाम शुद्ध वातावरण में टहलें।

हाई रिस्क गर्भवती बरतें सतर्कता

गर्भवती महिला के शरीर में रक्त की कमी, उच्च रक्तचाप, शुगर और श्वास संबंधी रोग है तो उसे हाई रिस्क में रखा जाता है। किन्हीं कारणों से पहले कई बार गर्भपात हुआ है तो उसे भी इसी श्रेणी में रखते हैं। इन महिलाओं को वही करना चाहिए, जो चिकित्सक ने सलाह दी है।

कोरोना संक्रमित होने पर

गर्भवती कोरोना संक्रमित है तो सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें। हल्के लक्षण हैं तो घर में ही इलाज कराएं। इस दौरान अपने पास थर्मामीटर और आक्सीमीटर जरूर रखें। तापमान 99 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा है ताे समझो बुखार है। ऐसे में चिकित्सक से परामर्श जरूर लें, हो सकता है कि महिला को अस्पताल में भर्ती करना पड़े।


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