एंबुलेंस न आने पर तड़पती रही गर्भवती, ई-रिक्शा से पहुंच सीढ़ियों के पास दिया बच्ची को जन्म
महिला को जब प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने एंबुलेंस के लिए फोन किया। लेकिन देर तक एंबुलेंस नहीं आयी। ऐसे में महिला को ई-रिक्शा से अस्पताल ले जाया गया।
जेएनएन, पानीपत। गंगाराम कालोनी निवासी गर्भवती को सिविल अस्तपाल की सीढ़ी के पास बच्ची को जन्म देना पड़ा। सूचना मिलने पर आनन-फानन में उसे व्हीलचेयर से डिलीवरी रूम पहुंचाया गया। तीमारदारों का आरोप है कि आशा वर्कर ने एंबुलेस के लिए कॉल की थी, लेकिन वह आधे घंटे बाद तक घर नही पहुंची। बच्ची को जन्म देने से पहले भी गर्भवती काफी देर तक अस्पताल मे तड़पती रही।
राजेश चौहान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के निवासी है। करीब पन्द्रह वर्षो से गंगाराम कालोनी में परिवार के साथ रहते है। राजेश की गर्भवती पत्नी डौली को शुक्रवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। आशा वर्कर कविता ने बताया कि 8:15 बजे उसे घर में सूचना दी गई। उसने 8:20 बजे कंट्रोल रूम मे कॉल कर, एंबुलेस भेजने को कहा। डौली की बहन बबीता की माने तो करीब आधे घंटे तक एंबुलेस नही पहुंची।
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प्रसव पीड़ा तेज हुई तो वह डौली को ई-रिक्शा मे बैठाकर, सिविल अस्पताल पहुंच गई और आशा वर्कर का इंतजार करने लगी। जब तक आशा वर्कर पहुंची, डौली ने भूतल पर सीढ़ियों के पास बच्ची को जन्म दे दिया। इसके बाद आनन-फानन में व्हील चेयर से प्रसूता को डिलीवरी रूम पहुंचाया गया। स्टाफ नर्स ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनो पूर्णत: स्वस्थ है। देरी से अस्पताल पहुंचने के कारण यह घटना हुई है। डौली ने छठे बच्चे को जन्म दिया है।
मुझे सूचना मिली है कि गर्भवती ई-रिक्शा से नही, बल्कि ऑटो से अस्पताल पहुंची। उसमे ही बच्ची को जन्म दे दिया। एंबुलेस पहुंचने से पहले वह अस्पताल के लिए निकल चुकी थी।
-डॉ. आलोक जैन, चिकित्सा अधीक्षक
आशा वर्कर को सुबह 7 बजे के आसपास सूचना दी गई। एंबुलेस नही पहुंची तो बबीता अपनी बहन डौली को ई-रिक्शा से लेकर 8 बजे अस्पताल पहुंच गई थी, वहां पहुंचते ही बच्ची का जन्म हो गया।
-राजेश चौहान, डौली का पति।
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