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Omicron Variant : ओमिक्रोन खतरे के बीच पोस्‍ट कोविड मरीज रहें अलर्ट, सेप्सिस वायरस फैलने का संभावना

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का खतरा लगातार बढ़ रहा है। वहीं पोस्‍ट कोविड मरीजों को अलर्ट रहने की जरूरत है। अब सेप्सिस वायरस भी फैलने की संभावना है। यह वायरल इंसान की किडनी लीवर और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 10:55 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 10:55 AM (IST)
Omicron Variant : ओमिक्रोन खतरे के बीच पोस्‍ट कोविड मरीज रहें अलर्ट, सेप्सिस वायरस फैलने का संभावना
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के साथ-साथ सेप्सिस वायरस का खतरा।

अंबाला, जागरण संवाददाता। पोस्‍ट कोविड मरीजों को अलर्ट रहना होगा। कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे के बीच सेप्सिस वायरल फैलने की संभावना जताई जा रही है। रक्त संबंधित सेप्सिस, सेप्सिसिमिया अथवा रक्तपूतिया कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को अपनी जद में लेती है। इस बीमारी का खतरा उस इंसान में अधिक होता है जो पहले से ही किसी अन्य संक्रमण जनित रोग से जूझ रहा हो। यह संक्रमण शरीर के स्वस्थ हिस्से को नुकसान पहुंचाता है, जिससे मरीज के ठीक होने में अधिक समय लग जाता है।

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जान तक जा सकती है

कभी कभी यह संक्रमण कम न होने पर मरीज की जान तक चली जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी आंकड़े में प्रत्येक वर्ष बीमार में मरने वालों में 20 फीसदी कमजोर इम्युन सिस्टम के कारण मौत के करीब पहुंच जाते हैं।

सेप्सिस वायरल के लक्षण

इसमें बुखार और कंपकपी सांस लेने में मरीज को परेशानी होती है। यह लक्षण कोरोना वायरस का शिकार हुए मरीज में सामान्य बात है। हृदय की धड़कन बहुत तेज हो जाती है । मानसिक स्वास्थ्य में बदलाव होता है और बेचैनी और ब्लडप्रेशर भी लगातार बढ़ता है। शरीर पर चकत्ते दाग बन जाते हैं और मरीज को उल्टी व दस्त की शिकायत आम बात है। ऐसे में अगर किसी को इससे मिलते जुलते लक्षण दिखे तो वह सरकारी अस्पताल के विशेषज्ञ की सलाह पर दवा करें।

पौष्टिक भोजन को बनाएं आहार

इंसान के लिए लाभकारी ऐसे पौषिक भोजन को आहार बनाना चाहिए जिससे प्रतिरोधक क्षमत में विकास हो। मरीज को दवा के साथ संतरा, मूंगफली, आंवला सहित हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

मरीज के आसपास रखें स्वच्छता

अगर किसी मरीज को इस तरह के लक्षण मिले तो सबसे पहले तीमारदारों को चाहिए कि वह आसपास साफ सफाई रखे। चिकित्सकों के अनुसार संक्रमण आसपास गंदगी होने से फैलने का खतरा अधिक होता है।

यह वायरस कोई नया नहीं है, पहले भी लोग इसकी चपेट में आते थे और ठीक भी होते रहे हैं। लक्षण की पहचान होने पर मरीज और उसके तीमारदार को विशेषज्ञ से परामर्श पर इलाज कराना चाहिए।

- डा. राकेश सहल, पीएमओ छावनी।


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