ये है कानून व्यवस्था की हकीकत, एएसआइ ने अपनाया जब ये हथकंडा
जनता की सुरक्षा करने वाले ही जब ऐसे हथकंडे अपनाने लगे तो कानून व्यवस्था कैसे कायम रह सकती है। कुछ ऐसा किया एएसआइ ने कि उस पर ही केस दर्ज हो गया। जानिए क्या है मामला।
पानीपत, जेएनएन। एसएचओ के फर्जी साइन कर रोड जाम करने के दर्ज मामले को रद करने पर जांच अधिकारी एएसआइ के खिलाफ मतलौडा थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई मतलौडा के तत्कालीन और मौजूदा सनौली थाना इंस्पेक्टर संदीप कुमार की शिकायत पर हुई है।
24 अक्टूबर 2017 तो मतलौडा अनाज मंडी के आढ़ती बलवान सिंह हुड्डा के मुनीम रवींद्र ने मतलौडा गांव स्थित पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से डेढ़ लाख रुपये निकलवाए थे। एक लाख रुपये थैले में और पचास हजार जेब में रखकर वह बाइक से जा रहा थे। इसी दौरान नकाबपोश बदमाश ने मोटरसाइकिल से उसे टक्कर मारी और तमंचे से फायर कर एक लाख रुपये लूटकर फरार हो गए।
आढ़तियों ने जाम लगा जताया था रोष
मामले में आढ़तियों ने भालसी के पास रोड पर जाम लगाकर रोष जताने के साथ ही एसपी से तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नरेंद्र दहिया को हटाने की मांग की। इसके बाद इंस्पेक्टर दहिया को लाइन हाजिर कर दिया गया था।
कई लोगों पर हुआ था केस दर्ज
भूसलाना निवासी रोहताश ने पुलिस को शिकायत दी थी कि वह टैक्सी से परिवार सहित अपने गांव जा रहा था। भालसी मोड़ पर लगे जाम से उसे व अन्य लोगों को परेशानी हुई। इस पर थाना मतलौडा पुलिस ने रोड जाम करने पर कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। मामले के जांच अधिकारी एएसआइ राजपाल थे।
इंस्पेक्टर के किए फर्जी साइन
सनौली के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संदीप ने पुलिस को शिकायत दी कि वह 25 जून 2018 तक मतलौडा थाना प्रभारी थे। भालसी के पास रोड जाम करने के मामले में एएसआइ राजपाल ने बिना संज्ञान जिमनी पर उसके फर्जी साइन कर आरोपितों को फायदा पहुंचाया है। वहीं इस बारे में एएसआइ राजपाल ने बताया कि वह छुट्टी पर है। उसने इंस्पेक्टर के फर्जी साइन नहीं किये हैं।
एएसआइ ने लापरवाही बरती
डीएसपी बिजेंद्र का कहना है कि रोड जाम करने की वीडियोग्राफी हुई थी। मुकदमा रद करने के लिए जांच अधिकारी को एसएचओ व उनके संज्ञान में मामला लाना था। इसके बाद एसपी की अनुमति से कोर्ट को मामला रद करने की गुजारिश की जानी थी। जांच अधिकारी राजपाल ने इंस्पेक्टर के फर्जी साइन कर मामला रद कर दिया। एएसआइ ने लापरवाही की है।