वाट्सएप के जरिए चला रहे थे भ्रूण लिंग जांच का धंधा, फोन से होती थी डील Panipat News
प्लाईवुड फैक्टरी का प्रोडक्शन इंचार्ज और मुंशी भ्रूण लिंग जांच के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। फोन के जरिए लोगों से संपर्क करता था।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। प्लाईवुड फैक्टरी के प्रोडक्शन इंचार्ज जम्मू कॉलोनी निवासी कमल, मुंशी बिहार के मोतिहारी जिले के गांव बृंगूबेरिया के कृष्णा को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लिंग जांच के आरोप में पकड़ा है। स्टेशन रोड से कृष्णा को डिकोए से दस हजार लेते रंगे हाथ व कमल को डिकोए की रेफरेंस स्लीप बनवाने के आरोप काबू किया गया। उनके इस धंधे में फैक्टरी का ठेकेदार शादीपुर निवासी शामानंद भी शामिल था। वह ही मोबाइल के जरिए डिकोए से बात कर रहा था। फिलहाल वह निजी अस्पताल में एडमिट है। उसका दो सप्ताह एक सड़क हादसे में वह घायल हो गया था।
आरोपित कमल का कहना है कि शामानंद ने उन्हें यह बताया था कि एक महिला के पास चार बेटियां हैं। वह फिर गर्भ से है तथा लिंग जांच करवाना चाहती है। जिस पर वह तैयार हो गए। उसे नहीं पता था कि यह अपराध है। वहीं कृष्णा का कहना है कि वह तो लेबर का कार्य करता है। उसे पैसे लेने के लिए भेजा गया। वह चला गया। उसे मामले का कुछ नहीं पता। वहीं इस बारे में फैक्टरी के मालिक से बात करने की कोशिश की गई, तो उनके कर्मचारी ने कॉल रिसीव की। उनका कहना है कि इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
वाट्सएप पर दिखाते लड़का है या फिर लड़की
पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. राजेश ने बताया कि लिंग जांच कराने का पता लगा, तो रंगे हाथों पकडऩे के लिए जाल बिछाया। तीन माह की गर्भवती महिला को डिकोए के तौर पर तैयार किया। इसके बाद योजना के तहत आरोपितों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
आरोपितों को किया गिरफ्तार
शहर यमुनानगर थाना प्रभारी कमलजीत सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पीएनडीटी का केस दर्ज कर दो आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। एक अन्य आरोपित अस्पताल में एडमिट है। उसकी मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद गिरफ्तारी की जाएगी।