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आयुर्वेद में है डेंगू का अचूक इलाज, चिकित्‍सकों का दावा, गिलोये व तुलसी के काढ़े का करें सेवन

डेंगू और वायरल बुखार लगातार बढ़ रहा है। लोगों की जान तक जा रही है। आयुर्वेद में डेंगू का अचूक इलाज है। आयुर्वेदिक चिकित्‍सक का कहना है कि गिलोय और तुलसी के काढ़े के सेवन जरूर शुरू कर दें।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 07:33 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 07:33 PM (IST)
आयुर्वेद में है डेंगू का अचूक इलाज, चिकित्‍सकों का दावा, गिलोये व तुलसी के काढ़े का करें सेवन
आयुर्वेदिक दवाओं का अनुसरण किया तो नहीं जरूरत पड़ेगी प्लेटलेट्स की।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। डेंगू और वायरल बुखार इन दिनों लोगों को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में ले रहा है। आयुर्वेद में इसे दंडक या वात कफज ज्वर बोला जाता है। जिसमें वात और कफ प्रकृति दोनों ही बढ़ जाते हैं। आयुर्वेद में इसका प्रथम उपचार लंघन बताया है, यानी कुछ न खाएं। हालांकि पेय पदार्थ का सेवन बढ़ाना चाहिए। दूसरा चरण स्वेदन बताया गया है, जिसमें गर्म वस्त्र ओढ़कर पसीना ले लेने की सलाह दी गई है। इसके बाद तीसरा चरण काल बताया गया है, क्योंकि सात दिन तक डेंगू का बुखार अपना असर दिखाता है। हालांकि आयुर्वेद में ज्वर को तोड़ने के लिए गिलोय और तुलसी का काढ़ा अचूक दवा बताई गई है।

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दैनिक जागरण संवाददाता वीनिश गौड़ ने इसको लेकर गांव स्योंसर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डा. शुभम गर्ग से बात की। पेश है बातचीत के कुछ अंश।

प्रश्न : डेंगू की पहचान कैसे करें?

डा. शुभम : इस मौसम में दो ही तरह का बुखार होता है। एक वायरल और दूसरा मच्छरजनित बुखार। इसमें सबसे पहले चिकित्सक से परामर्श लें। इस सीजन में अपनी मर्जी से कोई भी दवा का सेवन वर्जित माना गया है। एलोपैथी में भी प्लेन पैरासीटामोल लेने की सलाह दी जाती है। इसमें मरीज को आंखों के पीछे सिर में दर्द होता है। शरीर पूरी तरह से दर्द करता है। जी मचलना, उल्टी आने का मन करना और तेज ज्वर भी इसके लक्षण हैं, जबकि वायरल बुखार जुकाम, खांसी के साथ होता है।

प्रश्न : कौन सी औषधियां हैं जिन्हें ज्वर की पहचान के बिना सेवन किया जा सकता है?

डा. शुभम : सबसे पहले पेय पदार्थों का सेवन बढ़ा दें। ठंडी तासीर वाले पेय पदार्थों से दूरी बरतें। इसके अलावा गिलोये व तुलसी के काढ़े का सेवन तुरंत शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा अमृतारिष्ट का सेवन कर सकते हैं। आरोग्य वर्धनी और सुदर्शन घनवटी भी ज्वर को तोड़ने में काफी कारगर है।

प्रश्न : प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए क्या करें?

डा. शुभम : प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए आम, जामुन और पपीते के पत्तों का रस कारगर होता है। इसके अलावा बकरी का दूध और नारियल पानी भी काफी फायदेमंद रहता है। एलोविरा का रस और अनार की पत्तियों को मिलाकर रस का सेवन करने से भी प्लेटलेट्स बढ़ते हैं। नींबू और आंवले का रस भी पी सकते हैं।

प्रश्न : रिकवरी शुरू होने के बाद किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए?

डा. शुभम : डेंगू सात दिन तक मरीज के स्वास्थ्य पर अपना असर डालता है। इसलिए सात दिन तक भोजन को पचाने की क्षमता शरीर में नहीं रहती। इसलिए पेय पदार्थों का सेवन इस बुखार में ज्यादा बेहतर बताया गया है। मगर कुछ लोग सात दिन के बाद ही फिर से भोजन करना शुरू कर देते हैं, जबकि उन्हें पहले हल्का भोजन का सेवन शुरू करना चाहिए। रिकवरी शुरू होने के बाद पहले दो दिन दलिया या खिचड़ी का सेवन ही करें। उसके बाद धीरे-धीरे दाल का पानी और पांचवें दिन के बाद रोटी का सेवन करना चाहिए।


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