दूर तक धमाके की गूंज, 45 किलो विस्फोटक से पानीपत थर्मल दहला
थर्मल के आसपास अचानक धमाके की आवाज सुनाई दी गई। आवाज इतनी तेज थी कि कहीं पर विस्फोट हुआ हो। कुछ ही देर में लोगों में हड़कंप मच गया।
पानीपत, जेएनएन। थर्मल के आस पास के क्षेत्र में जबरदस्त धमाके की आवाज सुनाई दी। आवाज इतनी तेज थी कि लोगों में हड़कंप मच गया। मानों कहीं पर बम का धमाका हुआ हो। और हुआ भी कुछ ऐसा ही था। थर्मल में 45 किलो विस्फोटक से धमाका हुआ। दो चिमनियां जमींदोज हो गईं। हर कोई जानकारी जुटाने में लग गया कि आखिर हुआ क्या था।
थर्मल पावर प्लांट में धमाका कर तीन और चार यूनिट की दोनों चिमनियों को गिरा दिया गया। 45 किलोग्राम विस्फोटक से इन्हें गिराया गया। पहली चिमनी 3.02 बजे और दूसरी 3.45 बजे गिराई गई। इन चिमनियों की ऊंचाई 105 मीटर थी। दोनों चिमनियों की गिराने से पहले आसपास के भवनों को खाली करवाया गया। भवनों को नुकसान न पहुंचे इसके लिए ढका गया।
पिछले वर्ष भी ध्वस्त किए गए थे कूलिंग टावर
1979 से 1984 के बीच बने पानीपत थर्मल पावर प्लांट की चारों यूनिटों के कूलिंग टावर पिछले वर्ष ध्वस्त किए गए थे। वर्ष 2015 में 110-110 मेगावाट की चार यूनिटों को कंडम घोषित किया गया था। यूनिटों की चिमनी अभी बची हुई थी।
मुंबई की कंपनी को दिया था ठेका
चारों यूनिटों के डिस्पोजल का ठेका मुंबई की कंपनी एचआर कॉमर्शियल कंपनी को दिया गया था। लगभग एक किलोमीटर दूर तक धरती में तेज कंपन महसूस की गई। सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता प्रबंध किए गए थे। फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस व डॉक्टरों की टीम मौजूद रही। इसके अलावा 20 मिनट तक मुख्य असंध रोड पर वाहनों का आवागमन बंद रहा।
इस बार दूर तक धरती कांपी
इतना कंपन तो तब नहीं हुआ था जब करीब 650 किलोग्राम विस्फोटक से टावर गिराए गए थे। इस बार जब पहली चिमनी गिराई गई तो काफी कंपन हुई जो कि गांव खुखराना के ग्रामीणों ने महसूस की। दूसरी चिमनी जो कि पहली से 15 मीटर ऊंची थी, वह टेड़ी गिरी। एचआर कॉमर्शियल मुंबई के अधिकारी आनंद शर्मा ने बताया कि चिमनी को टेड़ी गिराने का ही टारगेट था।