कैथल में बढ़ने लगा प्रदूषण, सड़कों पर निकले वाहन तो एयर क्वालिटी इंडेक्स भी बढ़ा
लॉकडाउन की वजह से शहरों में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया था। कुछ ऐसा ही हाल कैथल का भी था। 22 मई को इंडेक्स था 70 तो 31 मई को हो गया 153। सड़कों पर बढ़ी वाहनों की संख्या तो दोगुना हो गया एयर क्वालिटी इंडेक्स।
कैथल, जेएनएन। हरियाणा में महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा के तहत नियमों में बदलाव के साथ लॉकडाउन चल रहा है। नियमों में छूट दी गई है, जिससे सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ गई है। वाहनों की संख्या बढ़ने से वायु में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है। 22 मई को एयर क्वालिटी इंडेक्स 70 पर था, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होती।
31 मई को इंडेक्स बढ़कर 153 तक पहुंच गया है। 121 से 161 तक इंडेक्स का स्तर खराब माना जाता है। लॉकडाउन के दौरान इंडेक्स का स्तर 50 से 70 के बीच ही रहा था। अब वाहन ज्यादा चलने लगे हैं और कुछ फैक्ट्रियां भी खुल गई हैं। लोग कचरे के ढेर में आग भी लगा रहे हैं। ऐसे में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने से सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन, गले में खराश की समस्याएं हो जाती हैं। वाहनों के धुंए, कचरे में आगजनी और धूल के कणों के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
इस तरह जानें प्रदूषण का स्तर
एयर क्वालिटी इंडेक्स 0 से 60 तक अच्छा, 61 से 90 तक सामान्य, 91 से 120 तक खतरा, 121 से 161 तक खराब और 161 से आगे जाने पर ज्यादा खतरा हो जाता है। हालांकि इंडेक्स का स्तर हर घंटे कम या ज्यादा होता रहता है। स्तर को बढ़ने से रोकने के लिए अगर कहीं धूल उड़ रही है तो वहां पानी का छिड़काव करना चाहिए। कचरे में आग लगी हो तो उसे बुझा देना चाहिए। निर्माण सामग्री को ढक कर रखना चाहिए।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ विकास कुमार ने बताया कि कुछ दिनों से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। सड़कों पर वाहनों की संख्या भी बढ़ गई है, जिससे इंडेक्स बढ़ रहा है। इंडेक्स के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए लोगों को भी जागरूक होना होगा।