पानीपत का एक मोहल्ला बिकने को तैयार, घर के आगे चिपकाए 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर, जानिए वजह
पानीपत में पानी की निकासी ना होने से एक मोहल्ला बिकने को तैयार है। बार-बार शिकायत करने पर भी समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा है। मजबुरन मोहल्ला वासियों ने घर के बाहर मकान बिकाऊ है के पोस्टर चिपका दिए।
पानीपत, जागरण संवाददाता। कुछ दिन पहले नगर निगम की हाउस बैठक में विधायक प्रमोद विज ने कहा था कि नकारा व्यवस्था के कारण डूब गया पानीपत। पानीपत शहर को अब एक और शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। सनौली रोड पर गुजरां वाला मुहल्ला ने तंग आकर अपने घरों के आगे पोस्टर लगा दिए हैं, ये मकान बिकाऊ है। एक साल से पानी की निकासी नहीं रही। शिकायत कर-करके तंग आ चुके लोगों ने अब यहां से मकान बेचने का ही फैसला कर लिया है। मुहल्ले में करीब पचास घर हैं। पंद्रह से बीस मकान बिक चुके हैं। कुछ मकान मालिकों ने किराये पर घर देकर कहीं और शिफ्ट कर लिया है। जिनका घर किराये पर नहीं चढ़ा, उन्होंने ताला लगा दिया है।
गुरुद्वारा भाई नरैण सिंह के सामने वाले रोड पर है गुजरां वाला मुहल्ला। यहां पर पानी की निकासी ठप होने के कारण लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर जाता है। रसोई से लेकर बेडरूम तक दूषित पानी आ जाता है। बाल्टियों, मगों से पानी बाहर निकालते हैं, फिर से अंदर आ जाता है। लड़कियां कई बार स्कूटी से गिरकर चोटिल हो चुकी हैं। शिकायत पर सफाई कर्मी आते हैं। खानापूरी करके निकल जाते हैं। स्थायी समाधान नहीं हो सका। आखिरकार लोगों ने यहां घर बेचने का ही कदम उठा लिया।
कोई विकल्प नहीं छोड़ा
अमर भवन चौक, राजपुताना बाजार के प्रधान एवं संयुक्त व्यापार मंडल समिति के सचिव अशोक सलूजा ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि आखिर कितनी बार शिकायत की जाए। कोई सीमा तो होती है। घरों के अंदर पानी घुस गया है। नरक जैसे हालात हैं। अब तो लोगों ने घरों पर ताले लगाने शुरू कर दिए हैं।
बच्चे स्कूल नहीं जाते
रितु का कहना है कि बच्चे बाहर निकलने को तैयार नहीं होते। बच्चे स्कूल नहीं जाना चाहते। वह स्कूटी से गिर चुकी हैं। मेयर अवनीत कौर को बता चुके हैं। दो-तीन कर्मचारी आते हैं, ऊपर की सफाई करके चले जाते हैं। हमें नाले दोबारा बनवाने हैं। स्थायी समाधान नहीं हो रहा।
पोती गिर चुकी है
संतोष अरोड़ा का कहना है कि गली में नरक जैसे हालात हैं। पार्षद अशोक नारंग के पास जा चुके हैं। उनकी पोती यहां गिर चुकी है। उनकी बहू पार्लर चलाती हैं। उनका काम ठप हो चुका है। हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रहीं। आखिर अब जाएं तो जाएं कहां।
एक साल से नाले ब्लाक
दिनेश सलूजा ने जागरण से बातचीत में कहा, इस सड़क पर एक साल से नाले ब्लाक हैं। पार्षद से लेकर विधायक के पास गए हैं। कहते हैं कि सीवर जाम है। हम पूछते हैं, इसका कोई हल तो होगा। आज हम चांद पर पहुंच गए हैं। क्या एक छोटी सी समस्या का हल नहीं है। यहां पर ऐतिहासिक गुरद्वारा है। उसके बावजूद ध्यान नहीं दिया जा रहा। समस्या का समाधान तभी होगा, जब नई सीवर लाइन डाली जाएगी। नाला बनाया जाए।
बच्चे रोज गिरते हैं
उर्मिला ने जागरण से बातचीत में कहा कि यहां रोजाना बच्चे गिरते हैं। बच्चों को बचाना मुश्किल हो रहा है। त्वचा रोगी बढ़ते जा रहे हैं। डाक्टरों के पास जाकर खर्च कर रहे हैं। पार्षद हमारी सुनवाई नहीं कर रहे। क्या हम नरक में जीते रहें। क्या हमारी समस्या का समाधान नहीं होगा।
पार्षद पति बोले, मैं धरने पर बैठने को तैयार
वार्ड आठ की पार्षद हैं मीनाक्षी नारंग। इनके पति अशोक नारंग भाजपा नेता है। पहले अशोक नारंग ही पार्षद थे। उनसे जब जागरण ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि नगर निगम में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। जब भी सफाई मशीन के लिए कहते हैं तो जवाब मिलता है कि मशीन खराब है या फिर पंद्रह दिन बाद मिलेगी। वह तो लोगों के साथ धरने पर बैठने को तैयार हैं। वह भी शिकायत करके थक चुके हैं। कोई सुनवाई नहीं होती।
ये है स्थायी समाधान
1- नालों को चौड़ा किए जाने की जरूरत है, सीवर लाइन में सुधार किया जाए
2- समय-समय पर सीवर को साफ किया जाए, हर पंद्रह दिन बाद सीवर सकर मशीन भेजी जाए्
3- सनौली रोड के नालों की सफाई नियमित तौर पर हो, ताकि इससे जुड़े मुहल्लों में पानी निकासी ठप न हो