Corona virus से Panipat उद्योगपतियों को झटका, China में होने वाले इंट्रा डाइज फेयर पर संकट
अप्रैल 2020 में चीन में इंट्रा डाइज मेला लगना है। पानीपत सहित लुधियाना दिल्ली गुजरात व मुबंई के स्टॉकिस्ट व ट्रेडर्स मेले में शामिल होते हैं।
पानीपत, [अरविन्द झा]। चीन में फैले कोरोना वायरस का नुकसान पानीपत के उद्यमियों को भी उठाना पड़ रहा है। मशीनरी के निर्यात का कारोबार प्रभावित होने के बाद चीन में लगने वाले इंट्रा डाइज मेले (अंतरराष्ट्रीय रंग रसायन मेला) पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मेल में आर्डर बुक करने के लिए पांच-छह प्रांतों से लगभग 300 उद्यमी जाते हैं।
कोरोना वायरस से चीन की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो गई है। दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में मशीनरी सहित अन्य सामानों की आपूर्ति प्रभावित है। चीन में प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में इंट्रा डाइज के नाम से अंतरराष्ट्रीय मेले का आयोजन किया जाता है। हैंडलूम उद्योग में इस्तेमाल किए जाने वाले रंग चीन में किफायती रेट में उपलब्ध होते हैं। पानीपत से 25-30 उद्यमियों का प्रतिनिधिमंडल आर्डर देने के लिए प्रत्येक वर्ष इस मेले में शामिल होते हैं। दिल्ली, लुधियाना, गुजरात व मुंबई से मैन्युफैक्चर्स, स्टॉकिस्ट व डीलर्स भी इस मेले में जाते हैं। आधुनिक तकनीक से तैयार रंगों का आर्डर देते हैं। मेले में जाने के लिए 60 दिन पहले फ्लाइट की टिकट बुक कराते हैं। मगर कोरोना वायरस के खौफ के कारण पानीपत सहित अन्य प्रांतों के कई व्यापारियों ने चीन की यात्रा स्थगित कर दी है। जनवरी 2020 के बाद चीन जाने वाले उद्यमियों की संख्या में 60-70 फीसद तक की गिरावट आई है। उद्यमियों को डर है कि वहां जाने पर इस वायरस से संक्रमित हो जाएंगे।
नए प्लांट लगने में होगी देर
उद्यमी मिंक व पोलर कंबल की नई यूनिटें लगाने के लिए जनवरी-फरवरी माह से ही तैयारी शुरू कर देते हैं। चीन से सस्ती मशीनरी मंगाने की प्लानिंग करते हैं। कोरोना वायरस के असर से इस बार उद्यमियों का उत्साह ठंडा पड़ गया है। इसका असर अर्थव्यवस्था पर दिखेगा।
कोरोना वायरस के संक्रमण से चीन में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय मेले में इस बार नहीं जाएंगे। मेले में जाने के लिए फरवरी के प्रथम सप्ताह में टिकट बुक करवाना होता है। पानीपत सहित अन्य प्रांतों से भी उद्यमी इस बार मेले में नहीं जा रहे हैं।
- संजीव मनचंदा, प्रधान, केमिकल एंड डाइज इंडस्ट्रीज, पानीपत।
चीन से लौटे 39 लोग, सभी को भरना होगा सेल्फ डिक्लेरेशेन फार्म
इमीग्रेशन विभाग ने जिला प्रशासन को 39 लोगों की सूची सौंपी है।ये सभी 29 दिसंबर 2019 के बाद चीन की यात्रा कर लौटे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी की सेहत की निगरानी करने के लिए ब्लॉक स्तर पर ड्यूटी लगा दी है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. शशि गर्ग ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर पूरी सतर्कता बरत रही है। चीन से आने वाले लोगों से सेल्फ डिक्लेरेशेन फार्म भरवाएं जाएंगे। फॉर्म का प्रारूप इमीग्रेशन विभाग के फॉर्म की तरह ही है। इसमें यात्री को अपना नाम-पता, फोन नंबर, ई-मेल एड्रैस, कौन सी फ्लाइट से लौटे, फ्लाइट में सीट नंबर क्या था, चीन में कहां-कहां और कितने दिन रहे आदि की डिटेल भरनी होगी। कोरोना वायरस के लक्षण तो नहीं हैं? इसकी निगरानी भी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें 14 दिन तक यात्री के स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे। डॉ. गर्ग के मुताबिक वायरस के लक्षण दिखने पर उसके ब्लड और स्वाब का नमूना जांच के लिए भेजा जाएगा।
चीन के उद्यमी की रात्रि पहर में हुई स्क्रीनिंग
सोमवार की रात्रि स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली कि चीन का रहने वाला एक उद्यमी सेक्टर 25 स्थित निजी होटल में दो दिन से ठहरा हुआ है। रात्रि करीब 12 बजे डिप्टी सिविल सर्जन ने एक डॉक्टर को एंबुलेंस में रवाना किया। उद्यमी की स्क्रीनिंग कर उसका रिकार्ड जांचा गया। स्वास्थ्य विभाग ने उद्यमियों से अपील की है कि चीन में आवागमन रखने वालों की सूचना दी जाए।
जींद में चीन से लौटा एमबीबीएस का छात्र मानेसर निगरानी केंद्र से बिना बताए पहुंचा घर
मानेसर में कोरोना वायरस के लिए बनाए निगरानी केंद्र से बिना बताए घर पहुंचे मेन बाजार जुलाना निवासी युवक को टेस्ट कराने के लिए नागरिक अस्पताल लाया गया। उसे आइसोलेशन वार्ड में दाखिल कराया है। चार डॉक्टर उसकी निगरानी कर रहे हैं। उसका स्वैब सैंपल जांच के लिए लैब में भेजा गया है। सिविल सर्जन डॉ. दिलबाग ङ्क्षसह का कहना है कि युवक में कोरोना वायरस का इन्फेक्शन नहीं है। उल्लेखनीय है कि जुलाना वासी यह युवक चीन के हेफेई शहर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में पढ़ रहा है। चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद 1 फरवरी को वह चीन से लौटा था। स्वदेश लौटने पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी उसे सीधे मानेसर में बनाए निगरानी केंद्र में ले गए। मगर वह बिना बताए ही वहां से निकल गया और घर पहुंच गया। इसके बाद जुलाना पुलिस युवक के घर पर पहुंची और स्वजनों से बात करने के बाद टेस्ट करवाने के लिए उसे जुलाना के सामुदायिक केंद्र में ले गई।