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मिक्सिंग से मात खा गए हैंडलूम उत्पाद

जागरण संवाददाता, पानीपत हैंडलूम उत्पादों को ब्रांड नेम देकर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय बाजार में

By Edited By: Published: Tue, 09 Aug 2016 01:55 AM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2016 01:55 AM (IST)

जागरण संवाददाता, पानीपत

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हैंडलूम उत्पादों को ब्रांड नेम देकर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चमकाने की केंद्र सरकार की योजना पानीपत में दम तोड़ती दिख रही है। कुल 34 सोसाइटी-एक्सपोटर्स के 78 सैंपल टेक्सटाइल कमेटी मुम्बई के समक्ष भेजे गए थे। इनमें से 18 की रिपोर्ट बुनकर सेवा केंद्र को मिली है। मात्र एक सैंपल कसौटी पर खरा उतरा है।

वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार की इंडिया हैंडलूम ब्रांड योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 में पानीपत की कुल 34 सोसाइटी-एक्सपोर्टर्स के 78 सैंपल टैक्सटाइल कमेटी मुम्बई के समक्ष भेजे गए थे। इनमें बाथमेट, कट सटल दरी, रक्स और प्लेसमेंट के सेंपल शामिल थे। अभी मात्र 18 सैंपलों की रिपोर्ट विभाग को मिली है। रिवेरा होम फर्निशिंग का एक सैंपल कमेटी की कसौटी पर खरा उतरा है।

बाकी सैंपल उत्पादों में फाइबर की मिलावट और मानव स्वास्थ्य की दृष्टि से घातक रंगों के इस्तेमाल की वजह से फेल हो गए हैं।

जानकारी का अभाव रहा :

हैण्डलूम उत्पाद सूत, ऊन या फिर जूट से ही बने होने चाहिए। जानकारी के अभाव की वजह से भी सोसायटीज और एक्सपोटर्स मात खा गए।

लालता प्रसाद, उपनिदेशक, बुनकर सेवा केंद्र, पानीपत


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