पानीपत सिविल अस्पताल के आक्सीजन प्लांट की आई सैंपल रिपोर्ट, 94 प्रतिशत मिली गुणवत्ता
पानीपत सिविल अस्पताल में लगे आक्सीनज प्लांट की सैंपल रिपोर्ट आ गई है। जिसमें आक्सीजन की गुणवता 94 प्रतिशत मिली है। लार्सन एंड टर्बो (LT) ने रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने प्लांट तैयार किया है।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत सिविल अस्पताल में तैयार आक्सीजन प्लांट से निकली आक्सीजन की गुणवत्ता 94.6 मिली है। लार्सन एंड टर्बो (L&T) ने रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी है। अब प्लांट का पूर्व परीक्षण (ट्रायल रन) होना है। यह कार्य एलएंडटी अधिकारियों की मौजूदगी में होना है। दरअसल, नागरिक सहायता एवं आपातकालीन स्थिति निधि (पीएम केयर्स फंड) के तहत सिविल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट बनाया गया है।
प्रमोद विज ने किया था उद्घाटन
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देख तैयार इस प्लांट का शहर के विधायक प्रमोद विज छह अक्टूबर को उद्घाटन भी कर चुके हैं। इसके बावजूद प्लांट शोपीस बना हुआ है। करीब दो माह पहले आक्सीजन की गुणवत्ता जांच के लिए सैंपल लैब भेजे गए थे। अब सैंपल की रिपोर्ट संतोषजनक आई है। एलएंडटी अधिकारियों को पूर्व परीक्षण कर प्लांट अस्पताल प्रशासन के सुपुर्द करना है। डिप्टी एमएस डा. अमित पोरिया ने बताया कि आक्सीजन प्लांट के रनिंग में नहीं आने का कोई असर नहीं है। आक्सीजन खपत अस्पताल में बहुत कम है। हमारे पास पहले से 6000 लीटर का रिफलिंग प्लांट और सिलेंडर भी हैं।
इनके सहयोग से बना प्लांट
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने प्लांट तैयार किया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने टिन शेड-फाउंडेशन (सिविल वर्क) किया है। लार्सन एंड टर्बो (एलएंडटी) कंपनी के इंजीनियरों ने कंप्रेसर, ड्रायर और टैंक (कंपलीट प्लांट) स्थापित किया है।
एक मिनट में 100 लीटर आक्सीजन
प्लांट हवा से 1000 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन तैयार करेगा। लगभग 140-150 बेड को 24 घंटे आपूर्ति की जा सकेगी। प्लांट रनिंग में आने पर अस्पताल को 80 हजार रुपए हर माह बचत होगी।
एक वयस्क को चाहिए 550 लीटर आक्सीजन
एक व्यक्ति को 24 घंटे में करीब 550 लीटर शुद्ध आक्सीजन चाहिए। श्रम करने पर अधिक आक्सीजन चाहिए। स्वस्थ व्यक्ति एक मिनट में 12 से 20 बार सांस लेता है। स्वस्थ व्यक्ति के ब्लड में आक्सीजन का सैचुरेशन लेवल 95 से 100 फीसदी के बीच होना चाहिए।
जरूरी दवा आक्सीजन
कानूनी रूप से यह आवश्यक दवा है। वर्ष 2015 में इसे अति आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवाओं की लिस्ट में यह शामिल है।
शुद्धता 90-95 प्रतिशत होनी चाहिए
प्रिंसिपल मेडिकल आफिसर डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि मरीजों को दी जाने वाली आक्सीजन की शुद्धता 90 से 95 प्रतिशत होनी चाहिए। इससे कम शुद्ध आक्सीजन मरीज के लिए घातक है। फेफड़ों में संक्रमण और ब्लैक फंगस का खतरा रहता है।
5338 को लगा कोरोना रोधी टीका
कोरोना वैक्सीनेशन के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 82 सत्रों में 5338 को टीका लगा। नोडल अधिकारी डा. मनीष पासी ने बताया कि 18 से 44 साल आयु वर्ग में 1142 ने पहला, 2995 ने दूसरा टीका लगवाया। 45 साल या इससे अधिक आयु वर्ग में 284 को पहला, 915 को दूसरा टीका लगा।
कोरोना के दो केस एक्टिव
जिला में कोरोना के दो केस एक्टिव है, नया कोई केस नहीं मिला है। अब तक पाजिटिव मिले 31 हजार 114 केसों में से 30 हजार 470 रिकवर हो चुके हैं। 642 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है।