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मानसून सिर पर, बाढ़ के खतरे को देख पानीपत प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा

पानीपत के 17 गांवों में हर साल बाढ़ की स्थिति बन जाती है। विगत वर्षों के दौरान बाढ़ की चपेट में आने वाले गांवों को चिह्नित किया गया है।बहुउद्देश्यीय कर्मचारियों को हालात पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 09:41 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 09:41 AM (IST)
मानसून सिर पर, बाढ़ के खतरे को देख पानीपत प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा
पानीपत के 17 गावों पर हर साल मंडराता है बाढ़ का खतरा।

पानीपत, जागरण संवाददाता। हरियाणा में मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है।उसी के साथ जिला के करीब 17 गावों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। बाढ़ राहत कार्यों की हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा कर चुके है। जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है।

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स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां

स्वास्थ्य विभाग ने सीएचसी बापौली, पीएचसी ऊझा, पट्टी कल्याणा में दवा का स्टाक कर लिया गया है। सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कादियान ने यह जानकारी दी है। दरअसल, हरियाणा सहित हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में मूसलधार बरसात के दौरान हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता है। इससे जिला के 17 गांवों में बाढ़ की स्थिति बन जाती है। विगत वर्षों के दौरान बाढ़ की चपेट में आने वाले गांवों को चिह्नित किया गया है। बहुउद्देश्यीय कर्मचारियों को हालात पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ग्रस्त गांवों का पानी और खानपान दूषित हो जाता है। उल्टी-दस्त, टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू, त्वचा और नेत्र रोग पनपने लगते हैं। ड्रिंकवैल टेबलेट पानी को शुद्ध करने का काम करती है। टेबलेट गांवों में बांटी जाती है।

विभाग ने दी बचाव की सलाह

उल्टी-दस्त की स्थिति में मरीजों को दवा के साथ ओआरएस व ग्लूकोज पैकेट का वितरण होता है। डा. कादियान के मुताबिक सीएचसी-पीएचसी में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों-तीमारदारों को पानी उबालने के बाद ठंडा कर पीने, मच्छरदानी लगाकर सोने, शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने की सलाह दी जा रही है। बीमारियों से बचने के लिए ताजा सब्जी-फलों का सेवन करें।

इन गांवों में आती रही है बाढ़

राणा माजरा, गढ़ी बेसिक, जलालपुर, नवादा आर, तमशाबाद, सनौली, रिशपुर, नन्हेड़ा, अधमी, मिर्जापुर, गोयला कलां, गोयला खुर्द, हथवाला, बिलासपुर, राकसेड़ा, काकरौली।

गर्भवती व कमजोर बच्चों की ट्रैकिंग

बाढ़ के खतरे को देखते हुए गर्भवती व कमजोर बच्चों की ट्रैकिंग करने का निर्देश भी दिए गए हैं। एएनएम, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी सेविकाओं की ड्यूटी लगी है। गर्भवती का नाम-पता, मोबाइल नंबर लिया जायेगा, ताकि सुरक्षित प्रसव के लिये अस्पताल पहुंचाया जा सके।

कार्यों और परियोजनाओं की हो रही निगरानी

डीसी सुशील सारवान ने बताया कि तहसील और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ये अधिकारी बाढ़ नियंत्रण कार्य स्थलों की सफाई का निरीक्षण करेंगे। इसकी सत्यापन रिपोर्ट सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजेंगे।


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