धांधली में फंसे पद्मश्री अवार्डी, पशुपालन क्षेत्र में राष्ट्रपति से मिला था सर्वोच्च सम्मान
विकास कार्यों में गड़बड़झाला को लेकर पद्मश्री अवार्डी नरेंद्र फंस गए हैं। उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। आरोप है कि उन्होंने सरपंच के साथ मिलकर धांधली की है।
पानीपत, जेएनएन। पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त गांव डिडवाड़ी वासी नरेंद्र सिंह गांव हड़ताड़ी में कराए 1.51 करोड़ के विकास कार्यों में फंस गए हैं। आरोप है कि ग्राम सचिव रहते उन्होंने सरपंच गुरमीत के साथ मिलकर गड़बड़झाला किया। जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इसराना के ब्लॉक डेवलपमेंट पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) जितेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्होंने जनवरी 2020 में प्रभार संभाला था। करीब तीन माह पहले डिड़वाड़ी गांव के विकास कार्यों की रूटीन जांच की थी। पता चला कि ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह ने सरपंच गुरमीत सिंह के साथ मिलकर मेजरमेंट बुक (एमबी) में एसडीओ के साइन कराए बिना ही पंचायत के खाते से 1.51 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। जबकि विकास कार्य अधूरे पड़े हुए थे। ठीक से जांच की तो पता चला कि मेजरमेंट बुक में 58.84 लाख के कार्य ही दर्ज हैं।
पद्मश्री अवार्डी नरेंद्र सिंह से ग्राम पंचायत हड़ताड़ी सहित उनके अधीन दूसरी ग्राम पंचायतों को रिकॉर्ड मांगा तो जमा नहीं कराया। इसी के चलते उन्हें हड़ताड़ी गांव के ग्राम सचिव के पद से हटाकर, सतीश कुमार को जिम्मेदारी दी गई। नरेंद्र ने तब भी रिकॉर्ड नहीं सौंपा। ग्राम पंचायत के बैंक खातों की डिटेल मंगवाई तो धांधली की पुष्टि हो गई। बीडीपीओ के मुताबिक उसी दौरान पूरी रिपोर्ट तैयार कर डीसी कार्यालय में भेजी गई थी। इसके साथ ही नरेंद्र व ग्राम सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी।
हालांकि, लॉकडाउन के चलते दूसरी जगह ड्यूटी लगी है, इसलिए विकास कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं है। डीसी हेमा शर्मा ने चार्जशीट की पुष्टि करते हुए कहा कि सरपंच को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जांच होगी, दोषी मिलने पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
मांडी गांव में भी धांधली, बीडीपीओ के मुताबिक तैयार रिपोर्ट
-काम पूरा किए बिना एक करोड़ 51 लाख 78 हजार निकाले।
-58.84 लाख रुपये के काम ही दर्ज, सिर्फ जेई के हस्ताक्षर।
-एसडीओ से बिल सत्यापित नहीं कराया।
-एमबी में एसडीओ के साइन नहीं थे।
रिश्वत न दी तो फंसाया : नरेंद्र सिंह
भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री अवार्ड विजेता, डिडवाड़ी वासी नरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि बीडीपीओ ने बतौर रिश्वत ढाई लाख रुपये मांगे थे। नहीं दिए तो झूठे आरोप लगाकर फंसाने का प्रयास किया है। सभी विकास कार्य पूरे हैं, गली नंबर-2 पर विवाद है, वह अधूरी है। उनसे पहले रहे ग्राम सचिव कुलदीप ने भी नाला निर्माण के लिए 17 लाख रुपये बैंक से निकलवाए थे। कुछ रिकॉर्ड सौंप दिया है, बाकी जब मांगा जाएगा, सौंप दूंगा।
गोलू ने दिलाई प्रसिद्धि
नरेंद्र को पशुपालन क्षेत्र में नस्ल सुधार के लिए वर्ष 2019 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया था। मुर्राह नस्ल के गोलू नामक भैंसा ने इन्हें खूब प्रसिद्धि दिलाई। गोलू सात बार राष्ट्रीय और इससे अधिक बार स्टेट प्रतियोगिता जी चुका है।
बीडीपीओ ने पूरी तरह गलत रिपोर्ट तैयार कर डीसी ऑफिस भेजी है। विकास कार्यों की जांच कराई जाए। मेजरमेंट बुक (एमबी) भरी जाए। प्रकरण में जो भी दोषी है, उसके विरुद्ध कार्रवाई हो।
गुरमीत सिंह, सरपंच-हड़ताड़ी
ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह ने ढाई लाख रुपए रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगाया है यह झूठा है। मुझे बिल पास करने की ऑथोरिटी ही नहीं है तो मैं रिश्वत की मांग क्यों करूंगा।
जितेंद्र शर्मा, बीडीपीओ, इसराना