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16 लाख की कार, 13 साल की कानूनी लड़ाई, जानिए क्या है पूरा मामला Panipat News

एक व्यक्ति ने करीब 16 लाख की कार खरीदी थी। शुरुआत में ही उसमें दिक्कत आई तो वह उपभोक्ता फोरम चला गया। जिला और राज्य उपभोक्ता फोरम से हक में फैसला आ चुका फैसला।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 09:20 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 04:45 PM (IST)
16 लाख की कार, 13 साल की कानूनी लड़ाई, जानिए क्या है पूरा मामला Panipat News

पानीपत, जेएनएन। सेक्टर 29 स्थित फ्लोरा एक्सपोर्ट के मालिक दिनेश जैन ने 12 अप्रैल 2006 को करनाल स्थित समता मोटर्स से 15 लाख 78 हजार 500 रुपये में लग्जरी कार खरीदी थी। पानीपत डीलर सावन मोटर्स ने डिलीवरी दी। कार के इंजन सहित अन्य कमी आने पर डीलर के यहां कार खड़ी कर रकम वापस मांगी। डीलर ने मना कर दिया तो उपभोक्ता फोरम की शरण ली। केस जिला, स्टेट और नेशनल कंज्यूमर फोरम तक पहुंचा। हर बार उपभोक्ता के हक में फैसला हुआ। कार कंपनी और और डीलर सावन मोटर्स केस को हाई कोर्ट में ले गए। अब वहां विचाराधीन है। 

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दिनेश जैन के वकील पवन कुमार मुदगिल ने बताया कि मई 2006 में कार के इंजन व एसी में दिक्कत आ गई थी। एयरबैग खुले रहें या बंद, रेड साइन दिखता था। 31 मई 2006 को कार लोकल डीलर के यहां खड़ी कर दी गई। कार करनाल भेजी गई, मरम्मत के बाद भी दिक्कत बनी रही। समाधान नहीं निकला तो 30 अप्रैल 2007 को जिला उपभोक्ता फोरम में मामला दायर कर दिया। 12 सितंबर 2009 को फोरम ने कंपनी को कार की कीमत, कानूनी खर्च आदि सहित लौटाने का आदेश दिया। कंपनी और सावन मोटर्स ने राज्य उपभोक्ता फोरम में अपील की गई। 23 अप्रैल 2013 को स्टेट फोरम ने फैसला दिया कि तीन माह में कार ठीक की जाए नहीं तो जिला फोरम का फैसला लागू रहेगा। 

26 अप्रैल 2013 को कार मरम्मत के लिए डीलर के यहां पहुंचाई, लेकिन ठीक नहीं हुई। जिला फोरम के आदेश पर महाप्रबंधक रोडवेज के नेतृत्व में तकनीकी जांच कमेटी ने कार को चला कर देखा तो इंजन सहित कार में कई दिक्कतें मिलीं। जिला फोरम ने कार की कीमत 12 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने के निर्देश डीलर व कंपनी को दिए। कार कंपनी और डीलर फिर स्टेट फोरम चले गए, वहां 28 जनवरी 2019 को अपील खारिज हो गई। 

कंपनी और डीलर ने नेशनल कंज्यूमर फोरम में पुनर्विचार याचिका दाखिल की। नेशनल फोरम ने निर्देश दिए कि पहले कार की कीमत जिला फोरम में जमा करो, तब सुनवाई होगी। एडवोकेट मुदगिल के मुताबिक नेशनल फोरम ने 23 मई 2019 को याचिका को खारिज कर दिया। 

अब हाई कोर्ट में मामला

कंपनी और डीलर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने 30 अगस्त 2019 को आदेश दिए कि इस मामले में जिला उपभोक्ता फोरम को आदेश दिए कि किसी प्रकार का बल प्रयोग न किया जाए। जिला फोरम के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। 28 जनवरी 2020 को सुनवाई होगी। जिला फोरम में सात अक्टूबर 2019 को सुनवाई है। 

एडवोकेट पवन कुमार मुदगिल, दिनेश जैन के वकील

 यह बात सही है कि जिला फोरम और स्टेट फोरम का फैसला कार मालिक के हक में आया है। हाई कोर्ट का निर्णय अभी आना बाकी है। हाई कोर्ट के आदेशों की पालना की जाएगी। कार कंपनी और डीलर जरूरत समझेंगे तो हम सुप्रीम कोर्ट में भी अपील कर सकते हैं। 

एडवोकेट आनंद दहिया, कार कंपनी और डीलर के वकील


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