डीजी हेल्थ सहित अन्य अधिकारी भी करेंगे अब मरीजों का चेकअप
हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों के स्वीकृत पद लगभग 3200 हैं, इनमें से अधिकतर प्रशासनिक कार्य में लगे रहते हैं। इससे मरीजों को परेशानी होती है।
राज ¨सह, पानीपत
हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों के स्वीकृत पद लगभग 3200 हैं, इनमें से लगभग 700 पद कई वर्षों से रिक्त चल रहे हैं। इस खाई को पाटने के लिए अब डीजी हेल्थ, एडीजे हेल्थ और सिविल सर्जन सहित प्रशासनिक कार्यों में लगे अन्य अधिकारी भी ओपीडी में बैठकर मरीजों का इलाज करेंगे। कौन अधिकारी सप्ताह में कितने दिन और घंटे मरीजों का इलाज करेंगे, इसके लिए भी आदेश जारी कर दिए हैं। सरकार के इस आदेश का पालन आयुष विभाग के अधिकारी भी करेंगे।
प्रदेश सरकार रिक्त पदों को भरने के लिए अनेक बार चिकित्सकों से आवेदन मांग की चुकी है। सरकारी सेवा में रुचि कम होने के कारण प्रदेश के सभी जिलों में डॉक्टरों का अभाव है। उधर, प्रदेश में तकरीबन 500 डॉक्टर ऐसे हैं जो विभाग के प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त हैं। इस खाई को पाटने के लिए एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, हरियाणा सरकार स्वास्थ्य विभाग आरआर जोवल ने सरकार की ओर से 31 मई को एक आदेश जारी किया है। आदेश पत्र के मुताबिक डीजी हेल्थ और एडीजी सप्ताह के 1 दिन में दो घंटे, सभी जिलों के सिविल सर्जन और उनके समकक्ष सप्ताह के 1 दिन, ¨प्रसिपल मेडिकल आफिसर्स, मेडिकल सुपरीटेंडेंट और समकक्ष सप्ताह के 2 दिन, सभी डिप्टी डायरेक्टर, एसएमओ, एमओ जिनकी नियुक्ति डीजीएचएस, एनएमएम, एड्स कंट्रोल सोसायटी सहित अन्य कार्यों में लगी है, ये भी सप्ताह में 2 दिन मरीजों का इलाज करेंगे। डिप्टी सिविल सर्जन, एसएमओ और समकक्ष अधिकारी सहित जिला आयुर्वेदिक अधिकारियों को भी सप्ताह में 2 दिन ओपीडी मे बैठना होगा। मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर अधिकारियों को इस काम के लिए अलग से कोई भत्ता नहीं दिया जाएगा।
प्रत्येक जिले के सिविल सर्जन से 15 दिन बीतने पर रिपोर्ट भी मांगी गई है, ताकि आदेश का पालन नहीं होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। सरकार के इस आदेश के बाद माना जा रहा है कि लग से एसी में बैठकर फाइल निपटाने की आदत डाल चुके डॉक्टरों को ¨चता में डाल दिया है।
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पानीपत में 5 डॉक्टर
सिविल सर्जन डॉ. संतलाल वर्मा, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नवीन सुनेजा, डॉ. मुनेश गोयल, डॉ. निशि ¨जदल, डॉ. शशि गर्ग, डॉ. सुधीर बतरा, सिविल अस्पताल के एमएस डॉ. आलोक जैन, डॉ. श्याम लाल, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. जसवीर अहलावत, डॉ. मनीष पासी, डॉ. कर्मवीर चोपड़ा आदि करीब 15 डॉक्टर ऐसे हैं जिन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रभार सौंपा हुआ है। इनके अलावा कई एसएमओ-एमओ भी प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं। आदेश का ईमानदारी से पालन हुआ तो जिले में डॉक्टरों का संकट बहुत कम हो सकता है। सिविल सर्जन ने आदेश को सख्ती से लागू कराने की बात कही।